देश में पोलूशन को कम करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा दे रही हैं । इसके तहत दोनों ही सरकारें वाहन खरीदने पर ग्राहक को सब्सिडी देती हैं। देश में पेट्रोल की कीमत बढ़ती जा रही है। इसी वजह से ज्यादातर लोग पेट्रोल वाहन की जगह इलेक्ट्रिक वाहन को तवज्जो दे रहे हैं।
केंद्र और राज्य सरकार भी देश में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देती है। दोनों ही सरकारें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर ग्राहक को सब्सिडी के रूप में कुछ पैसे वापस कर देती है। क्या आपको पता है कि यह सब्सिडी वाहन पर मिलती है या फिर उसमें लगी बैटरी पर। केंद्र और राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहन पर कुल कितना सब्सिडी देती हैं।
2022–23 बजट के अनुसार FAME स्कीम के तहत कुल 2908 करोड़ रूपये मदद के रूप में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले को दी जाएगी। इस योजना को पहले मार्च 2022 तक लागू किया गया था। बाद में जिसे बढ़ाकर 2024 कर दिया गया है। कुल 200000 गाड़ियों पर लगभग 900 करोड़ रुपए सब्सिडी दी जाएगी। इसमें बाइक और कार दोनों ही शामिल हैं। केंद्र के साथ राज्य सरकार भी ग्राहकों को सब्सिडी देगी।
बहुत सारे लोगों को यह लगता है कि इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से उन्हें सब्सिडी बैटरी पर नहीं बल्कि वाहन पर मिलती है। आपको बताते चलें कि इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से वाहन पर नहीं बल्कि बैटरी की क्षमता को देखते हुए उसके अनुसार ही सब्सिडी दी जाती है। दो पहिया वाहन खरीदने पर केंद्र सरकार किलो वाट के लिए 15 हजार रुपए सब्सिडी के रूप में देती है। 31 मार्च 2019 से पहले सरकार सब्सिडी के रूप में केवल 10,000 रुपए दे रही थी।
केंद्र सरकार प्रत्येक किलो वाट बैटरी के लिए 15 हजार रूपये सब्सिडी देती है। वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग राज्य की सरकारें अपने अनुसार 5000, 10,000 और 15000 रुपए सब्सिडी देती है। दूसरे स्थान पर इस लिस्ट में महाराष्ट्र है। अगर महाराष्ट्र में वाहन खरीदते हैं तो प्रत्येक किलो वाट के अनुसार 5000 रूपये सब्सिडी मिलती है। इसके बाद गुजरात पश्चिम बंगाल असम और मेघालय राज्य की सरकारें प्रत्येक किलो वाट के लिए 10,000 रुपए सब्सिडी के रूप में देती है। सब्सिडी की अधिकतम सीमा 20 हजार रूपये है।