रायपुर / शांति के अग्रदूत राजगोपाल पी वी ( राजा जी ) को जापान के प्रतिष्ठित विश्वशांती निवानो पुरस्कार मिलने के उपलक्ष्य में नई दिल्ली के गांधी पीस फ़ाउंडेशन के सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया.
इस अवसर पर राजगोपाल पी वी ने कहा कि अहिंसा का उपयोग करके न्याय पर आधारित शांतिपूर्ण समाज का निर्माण करने के लिये सबसे बड़ी समझ यही है कि यह कदम दर कदम प्रक्रिया है . अहिंसा दरअसल सबसे गरीब और सबसे कमजोर व्यक्ति को शक्तिशाली बनाने का माध्यम है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा शांति निर्माण के लिये चार सूत्रीय दृष्टिकोण की ज़रूरत है जिससे शमिल है- अहिंसक शासन, अहिंसक सामाजिक कार्यवाही, अहिंसक अर्थव्यवस्था, अहिंसक शिक्षा.
कार्यक्रम की अध्यक्षता देश के जल पुरूष के नाम से विख्यात मैगससे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह ने की .
छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉ सत्यजीत साहू ने राजगोपाल पी वी को शाल भेंट कर बधाई दी . डॉ सत्यजीत साहू के साथ छत्तीसगढ़ से एडवोकेट ठाकुर संतोष और सुरज दुबे ने दोस्त और प्योर संस्था का प्रतिनिधित्व किया .
राजगोपाल पी वी को विश्व शांति पुरस्कार मिलना देश के उन सभी प्रयासों को सम्मानित करना है जिसने अहिंसक तरीक़े से आदिवासियों, वंचितों और ग़रीबों को न्याय दिलाने का प्रयास किया है. इस सम्मान के सिलसिले में देश भर के विभिन्न हिस्सों में आयोजन होने वाले हैं.
राजगोपाल पी वी के आगामी ज़ून माह में छत्तीसगढ़ प्रवास में रायपुर में भी कार्यक्रम प्रस्तावित है.