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50 की उम्र में भी हड्डियां बनी रहेंगी मजबूत, डॉक्टर ने बताए इसके लिए तीन सबसे कारगर तरीके

नई दिल्ली : उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों की कमजोरी और इससे संबंधित विकारों का जोखिम भी बढ़ने लगता है। आर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं के कारण चलना-उठना भी मुश्किल हो जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लाइफस्टाइल और आहार की गड़बड़ी ने इन जोखिमों को और भी बढ़ा दिया है। हड्डियां मजबूत बनी रहें और इनमें कमजोरी-क्षति न होने पाए इसके लिए आवश्यक है कि कम उम्र से ही प्रयास किए जाएं।

आहार में कैल्शियम और विटामिन-डी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर चीजों को शामिल करना, नियमित व्यायाम जैसे उपाय करके जोखिमों को कम किया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हड्डियों की अच्छी सेहत के लिए पौष्टिकता से भरपूर चीजों का सेवन सबसे आवश्यक है। आइए जानते हैं कि ऐसे क्या उपाय किए जा सकते हैं जिससे 50 की उम्र में भी हड्डियां मजबूत बनी रहें और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का खतरा भी कम हो सके?

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

अमर उजाला से बातचीत में लखनऊ में फिजियोथेरिपिस्ट डॉ जोहैब काजी बताते हैं, 30 से कम उम्र के लोग पीठ-कमर दर्द की शिकायत के साथ आ रहे हैं। गठिया-जोड़ों में दर्द की दिक्कत भी बढ़ती देखी जा रही है। लाइफस्टाइल में गड़बड़ी जैसे लंबे समय तक बैठने, व्यायाम न करने जैसी आदतें इसके लिए जिम्मेदार मानी जाती हैं। इस तरह की दिक्कतों से बचे रहने के लिए कम उम्र से ही प्रयास जरूरी है।

तीन बातों का अगर शुरुआत से ही ध्यान रख लिए जाए तो 50 की उम्र में भी हड्डियों की मजबूती बनी रह सकती है।

शारीरिक निष्क्रियता आपके लिए नुकसानदायक

शारीरिक निष्क्रियता जैसे व्यायाम की कमी, ज्यादा देर तक बैठे रहने की आदत न सिर्फ क्रोनिक बीमारियां बढ़ाती हैं साथ ही इससे हड्डियों से संबंधित समस्याओं का खतरा भी अधिक हो सकता है।

हमारे जोड़ों को चिकनाई और स्वस्थ रहने के लिए गतिशीलता की आवश्यकता होती है। लंबे समय तक बैठे रहने से जोड़ों में अकड़न हो सकती है, जिससे दीर्घकालिक रूप में गठिया जैसी समस्याओं का खतरा रहता है। लंबे समय तक बैठे रहने से बचें और नियमित व्यायाम की आदत बनाकर आप हड्डियों की समस्याओं से सुरक्षित रह सकते हैं।

पौष्टिक आहार जरूरी

अगर आपका आहार पौष्टिक है तो हड्डियों से लेकर सभी अंगों के लिए इसे लाभकारी माना जाता है।

आपकी हड्डियों के लिए कैल्शियम से बेहतर कुछ नहीं है। इसके लिए डेयरी उत्पादों का सेवन करना चाहिए इसके साथ बहुत सारी सब्जियों में भी ये पाया जाता है। आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां-साग जरूर शामिल करें। गहरे रंग के साग में विटामिन-के भी होता है, जो ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम कर सकता है। इसी तरह नट्स और विटामिन-डी वाली चीजें भी जरूरी हैं। विटामिन-डी के बिना कैल्शियम का अवशोषण नहीं हो पाता है। कम उम्र से ही आहार को ठीक रखकर आप हड्डियों की समस्याओं से बचे रह सकते हैं।

धूम्रपान से बिल्कुल बना लें दूरी

सिगरेट में मौजूद निकोटीन हड्डियों को बनाने वाली कोशिकाओं के उत्पादन को धीमा कर देता है, जिससे हड्डियों का प्राकृतिक रूप से क्षरण तो होता रहता है पर नई हड्डियां बन नहीं पाती हैं। धूम्रपान करने से आहार में कैल्शियम का अवशोषण भी कम हो जाता है। हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए इस एक आदत को छोड़ना सबसे जरूरी है। ऑस्टियोपोरोसिस के अधिकतर लोगों में धूम्रपान की आदत देखी जाती रही है।

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