नई दिल्ली : धनिध देसिंघु ने ओलंपिक तक का सफर करके काफी सुर्खियां बटोर ली। आइए जानते हैं पेरिस ओलंपिक में शामिल हुई भारतीय दल की सबसे युवा खिलाड़ी धिनिध देसिंघु के बारे में।
पेरिस ओलंपिक में एथलीट्स और खिलाड़ी अपने अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भारत से 117 खिलाड़ियों का दल पेरिस ओलंपिक में शामिल हुआ, जिसमें मनु भाकर ने एक ओलंपिक में दो पदक जीतकर ऐसा करने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया।
वहीं पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं सबसे युवा खिलाड़ी धिनिध देसिंघु का सफर खत्म हो गया। साथ ही तैराकी में भारत कोई खास कमाल नहीं दिखा पाया। हालांकि धिनिध देसिंघु ने ओलंपिक तक का सफर करके काफी सुर्खियां बटोर ली। आइए जानते हैं पेरिस ओलंपिक में शामिल हुई भारतीय दल की सबसे युवा खिलाड़ी धिनिध देसिंघु के बारे में।
धिनिध देसिंघु को पानी से लगता था डर
धिनिध देसिंघु महज 14 वर्ष की हैं और बेंगलुरु में नौवीं कक्षा की छात्रा हैं। जिस उम्र में बच्चे बेपरवाही से रहते हैं, मजे करते हैं, धिनिध अनुशासन, त्याग और बहुत सारे अभ्यास के साथ दुनिया के सबसे बड़े खेल मंच पर प्रतिस्पर्धा के लिए शामिल हुईं।
वह तैराकी प्रतियोगिता के लिए भारत का ओलंपिक में प्रतिनिधित्व कर रही थीं लेकिन बड़ी बात ये है कि कभी धिनिध पानी से डरा करती थीं। स्विमिंग पूल में जाने से डरने वाली धिनिध के एक प्रोफेशनल तैराक बनने की कहानी काफी रोचक है।
धनिधि के माता पिता ने उन्हें तैराकी सीखने भेजा क्योंकि उनके घर के पास एक स्विमिंग पूल था। लेकिन वो पानी से डरती थीं। माता-पिता को उन्हें पानी से दोस्ती कराने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी।
धिनिध की उपलब्धि
धिनिध ने पिछले साल राष्ट्रीय खेलों और सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में पदक जीतने के साथ ही शीर्ष रैंकिंग हासिल की। जिसके कारण उन्हें भारतीय तैराकी महासंघ ने यूनिवर्सिटी कोटा के जरिए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया ।