Tuesday, July 1, 2025
बड़ी खबर कस्टम मीलिंग घोटाले पर बड़ा एक्शन: राइस माफियाओं पर...

कस्टम मीलिंग घोटाले पर बड़ा एक्शन: राइस माफियाओं पर गिरेगी गाज…

-

रायपुर । शराब में एफएल-10 समाप्त कर लाइसेंसी सिस्टम को खत्म करने वाली छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार अब कस्टम मीलिंग घोटाले में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इस मामले में प्रदेश के राइस माफियाओं को बड़ा झटका देने की तैयारी है। करोड़ों रुपए के इस घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है, जिसमें अब तक मार्केटिंग फेडरेशन के एमडी और स्पेशल सेक्रेटरी फूड मनोज सोनी और राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर समेत कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

ईडी का खुलासा: राइस माफियाओं की मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला
ईडी के प्रतिवेदन के अनुसार, राइस मिलरों को फायदा पहुंचाने के लिए मीलिंग प्रोत्साहन राशि को 40 रुपए से बढ़ाकर 120 रुपए कर दिया गया था। इस वृद्धि के पीछे एक सोची-समझी साजिश थी, जिसके तहत राइस माफियाओं से यह सौदा हुआ था कि 120 रुपए में से 40 रुपए कैश में लौटा दिए जाएंगे। 2023-24 में छत्तीसगढ़ में 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी, जिसके मीलिंग प्रोत्साहन के रूप में सरकार ने 500 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी की। ईडी के अनुसार, इसमें से 175 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई।

नई सरकार का कड़ा रुख: राइस मिलर्स की मुश्किलें बढ़ेंगी
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद विष्णुदेव सरकार ने इस घोटाले पर कड़ी नजर डालते हुए कार्रवाई शुरू की है। दूसरी किस्त के रूप में जारी 40 रुपए प्रति क्विंटल वाली राशि में भी राइस मिलरों को लाभ पहुंचाया गया, लेकिन अब सरकार इसे रोकने के लिए कदम उठा रही है। अनुमान है कि दूसरी किस्त से 214 करोड़ रुपए राइस मिलरों की जेब में चले गए हैं।

1640 करोड़ की लूट: ईडी की जांच में चौंकाने वाला खुलासा
ईडी के प्रतिवेदन के मुताबिक, प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी का फायदा सीधे राइस मिलरों को हुआ है। 2023-24 में 124 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई, जिससे मिलिंग प्रोत्साहन राशि के तौर पर 1640 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। सरकार ने अब इस पूरे घोटाले पर लगाम लगाने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री साय का बड़ा फैसला जल्द
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जल्द ही कस्टम मीलिंग के खेल पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाने वाले हैं। मीलिंग चार्ज में हुई 80 रुपए की वृद्धि को कम करने का विचार किया जा रहा है, जिससे राज्य के खजाने को होने वाले नुकसान को रोका जा सके। अफसरों के अनुसार, मीलिंग चार्ज अगर 70 रुपए भी किया जाता है, तो सरकार को सात सौ से आठ सौ करोड़ रुपए की बचत हो सकती है।

Latest news

राज्यपाल ने दी थी विदाई की शुभकामनाएं, कुछ घंटे बाद मिला एक्सटेंशन का आदेश ?

मुख्य सचिव को सेवा विस्तार पर मुहर - लेकिन ‘राजभवन’ रहा अंधेरे में! पूरे...

नई दिल्ली में सहकारिता की राष्ट्रीय कार्यशाला में केदार कश्यप हुए शामिल

छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों की दी जानकारी, सहकारिता मॉडल को...
- Advertisement -

Must read

You might also likeRELATED
Recommended to you

error: Content is protected !!