संस्कृति वाले हमारे देश में आज भी कई ऐसे विषय हैं जिनपर माता पिता अपने बच्चों से खुलकर बात नहीं कर पाते हैं या शायद उन मुद्दों पर बात करने में असहज महसूस करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि स्मार्ट फोन और गूगल के जमाने में अगर आपका बच्चे खुद से उन विषयों के बार में जानने निकलेंगे तो असर बुरा भी पड़ सकता है। इसमें सबसे मुख्य विषय है अपने बच्चों को ‘सेक्स एजुकेशन’ देना। आपका बच्चा बाहर से गलत चीजें सीख कर आए इसलिए बेहतर होगा कि सही समय पर सही तरीके से सेक्स एजुकेशन दें।
बच्चे जब बड़े होते हैं तो शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। कई बार देखा जाता है कि बच्चे इन बदलावों को समझ नहीं पाते है और दुविधा में रहते हैं, इसलिए बच्चों से इन बदलावों के बारे में बात करनी चाहिए और उन्हें इनके बारे में समझाना चाहिए।
सेक्स से संबंधित जानकारी लेने के लिए बच्चे एडल्ट वीडियो का सहारा लेते हैं। आपको इस बात की जानकारी होने पर बच्चे पर गुस्सा करने के बजाय उन्हें शांत तरीके से समझाएं। उसको सेक्स से जुड़ी जानकारी दें और उसे बताएं कि इंटरनेट से जानकारी लेने का तरीका गलत है।
अक्सर देखा जाता है कि बच्चों को माता-पिता का साथ कम मिलने के कारण बच्चे इंटरनेट की दुनिया की तरफ भागते या अपने दोस्तों से सेक्स से बारे में बात करते हैं।यह उनके लिए सही नहीं होता है इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों को समय देना चाहिए।
अगर आपका बच्चा पॉर्न देख रहा है तो उसे लेकर किसी नतीजे पर न पहुंचे और ये जानने की कोशिश करें कि आपके बच्चे ने कैसे पॉर्न देखना शुरू किया। प्यार से समझाएं , इसके खराब प्रभाव के बारे में बताएं।