नई दिल्ली। हाल ही में रिजर्व बैंक ने भारतीय बाजार से 2,000 रुपए के नोट को वापस मांग लिया है और इसे चलन से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही अब यह भी खबर आ रही है कि रिजर्व बैंक ने 200 रुपए के नोट भी हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, पिछले 6 महीने में रिजर्व बैंक ने बाजार से 137 करोड़ रुपए मूल्य के 200 रुपए के नोट वापस लिए हैं। ऐसे में सभी के मन में इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर रिजर्व बैंक ऐसा क्यों कर रही है। हालांकि, घबराने की जरूरत नहीं है। रिजर्व बैंक ने न तो 200 रुपए के नोट को बंद करने का फैसला लिया है और न ही ऐसी कोई योजना है।
दरअसल, बाजार से नोट वापस मंगाने का मुख्य कारण इन नोटों की खराब हालत है। रिजर्व बैंक ने अपनी छमाही रिपोर्ट में बताया है कि इस बार 200 रुपए के नोट सबसे ज्यादा खराब पाए गए हैं। इस वजह से इनकी संख्या में कमी करनी पड़ी। कुछ नोट सड़े-गले थे और कुछ पर लिखावट के कारण उन्हें चलन से बाहर किया गया।
500 रुपए के नोटों पर सबसे ज्यादा प्रभाव
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में 500 रुपए की करेंसी के 633 करोड़ रुपए मूल्य के नोट वापस मंगाए गए थे। ये नोट खराब होने या कटे-फटे होने के कारण वापस लिए गए थे। इस साल की पहली छमाही में 500 रुपए के नोटों की संख्या पिछले साल की तुलना में 50 फीसदी कम है, जबकि 200 रुपए के नोटों की संख्या 110 फीसदी बढ़ गई है।