हेल्थ न्यूज : ठंड में लोग सेहत को लेकर ज्यादा चिंतित होते है। कड़ाके की ठंड में छोटी सी लापरवाही आपको हाॅस्पिटल के चक्कर लगवा सकती है। ऐसे में सर्दियों के दिनों में बथुआ खाने के कई फायदे है। आपको बता दे हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में पेट को अग्नि कहा जाता है। अग्नि मजबूत और संतुलित होने पर डाइजेशन बेहतर रहता है। इसी अग्नि का सर्दियों में खास ख्याल रखता है बथुआ। करामाती पत्तेदार सब्जी की श्रेणी में आता है।
चने, मेथी, पालक के साथ बथुआ भी कई बीमारियों के इलाज में सहायक होता है। सर्दियों में बथुआ के साग की डिमांड बढ़ जाती है। बढ़े भी क्यों न गुणों का खजाना जो है! बथुआ की खासियत ये कि जैसे चाहें इसे वैसे अपने खान-पान में शामिल करें। रायता बनाएं, पराठे या फिर पसंदीदा दाल में डालकर खाएं। बथुआ की न्यूट्रिशन वेल्यू बथुआ में कौन.कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं।
बथुआ खाने के फायदे द्य ठंजीनं ज्ञींदम ज्ञम थ्ंलकम
1. सर्दियों में खाली पेट न रहने की सलाह आयुर्वेद देता है। अक्सर देखा जाता है कि लोग ठंड में खूब खाते हैं और फिर शिकायत भी करते हैं कि वजन बढ़ गया। ऐसे में बथुआ इस चिंता से मुक्ति दिलाता है। फाइबर वजन घटाने में मदद करता है। पेट को भरता है और ज्यादा खाने की इच्छा को भी कंट्रोल करता है। इसका सर्दी में सेवन करने से वजन नियंत्रित रहता है।
2. बथुआ फाइबर से भरपूर होता है, जो आंतों में जमा गंदगी भी साफ होती है। पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जो बॉडी को हाइड्रेट और पाचन को भी दुरुस्त रखता है। भरपूर फाइबर और पानी कब्ज, पेट फूलने और अन्य पाचन से जुड़ी परेशानियां को दूर करता है।
3. न्यूट्रिशनिस्ट महाजन कहती हैं गुणों का खजाना यूं ही नहीं कहते इन गुणों से भरपूर पत्तेदार साग में कैल्शियम और फास्फोरस भी प्रचुर होता हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। इसका सेवन करने से हड्डियों में और जोड़ों में दर्द से मुक्ति मिलती है। लिवर की सेहत का भी ख्याल रखता है और अगर रोज इसका 100 एमएल जूस पिया जाए, तो लिवर हेल्दी और अगर एक महीने तक लगातार सेवन किया तो हीमोग्लोबिन भी बढ़ता है।
4. बथुआगुणों की खान है, कई लोग तो इसे सागों का राजा भी कहते हैं। राजा जो अपनी प्रजा का खास ख्याल रखता है। उसकी तकलीफ को कम करने का काम करता है। यहीं वजह कि बथुआ के फायदे को जानने वाले लोग ठंड के दिनों में इसका खूब सेवन करते है।