नई दिल्ली: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आठ हफ्तों की गिरावट के बाद अब एक बार फिर से बढ़ोतरी देखने को मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 29 नवंबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.51 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 658.09 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
भंडार में कमी के कारण: RBI का हस्तक्षेप
सितंबर 2023 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड 704.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था। हालांकि, रुपये की गिरती कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए आरबीआई ने हस्तक्षेप किया, जिसके परिणामस्वरूप भंडार में गिरावट आई। आरबीआई का मुख्य उद्देश्य घरेलू आर्थिक गतिविधियों को वैश्विक आर्थिक संकटों से बचाने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार बनाए रखना है।
वर्तमान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां और स्वर्ण भंडार
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, भारत की विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (FCA), जो कुल विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा होती हैं, 568.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई हैं। इसके अलावा, भारत का स्वर्ण भंडार अब 66.98 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
2023 में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि
2023 के दौरान भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 58 बिलियन अमेरिकी डॉलर का इजाफा किया है। वहीं, 2022 में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 71 बिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई थी। विदेशी मुद्रा भंडार मुख्य रूप से आरक्षित मुद्राओं जैसे अमेरिकी डॉलर, यूरो, जापानी येन और पाउंड स्टर्लिंग में होता है।
नतीजा: एक स्थिर आर्थिक माहौल की ओर बढ़ता भारत
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वृद्धि के रुझान से यह संकेत मिलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद स्थिरता की ओर बढ़ रही है।