Friday, January 17, 2025
बड़ी खबर गूगल मैप के सहारे गोवा जाना पड़ा भारी… घने...

गूगल मैप के सहारे गोवा जाना पड़ा भारी… घने जंगल में बितानी पड़ी रात

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कर्नाटक । हम अक्सर अपनी यात्रा को आसान बनाने के लिए गूगल मैप का इस्तेमाल करते है। जिससे की हम किसी भी अंजान या कहें तो नई जगह पर पहुंच सके। कई बार तो गूगल मैप हमें सही रास्त बता देता है तो कई बार हम गूगल के द्वारा बताए गए रास्ते में उलझ जाते है। आज कुछ इसी तरह का एक मामला सामने आया है। यहां एक परिवार अपनी कार से गूगल मैप के सहारे गोवा जा रहा था। पर वे गूगल मैप के चक्कर में कर्नाटक के एक जंगल में फंस गए। जिससे उनको एक रात घने जंगल में जंगली जानवरों के बीच गुजारनी पड़ी।

आइए जानते है इस पूरे मामले को विस्तार से…

गूगल मैप ने जंगल में फंसाया
दरअसल, यह मामला गुरुवार का है, बिहार का एक परिवार अपने निजी वाहन के सहारे गोवा घूमने जा रहा था। यात्रा के दौरान पूरा परिवार गूगल मैप्स के कारण बेलागवी जिले के एक घने जंगल में फंस गया। यह घटना शुक्रवार को सामने आई, जब पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों ने उन्हें बचाया। परिवार रात भर अपनी कार में फंसा रहा और डर के साए में जंगली जानवरों के बीच समय बिताया। इस घटना में बच्चों समेत छह से सात लोग शामिल थे।

गूगल मैप्स ने परिवार को भेजा जंगल के अंदर

आप को बता दें कि बिहार के राजदास रंजीतदास इस परिवार के मुखिया थे, और वे गोवा जाने के लिए गूगल मैप्स का इस्तेमाल कर रहे थे। एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, खानपुर शहर से गुजरने के बाद गूगल मैप्स ने उन्हें शिरोडगा और हेम्मडगा गांवों के बीच के रास्ते पर भेज दिया। यह रास्ता उन्हें भीमघाड वन्यजीव क्षेत्र में ले गया, जो करीब 7 किलोमीटर अंदर था। यह घटना गुरुवार को हुई थी और उस क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क का कोई कवरेज नहीं था, जिससे परिवार पूरी रात अपनी कार में फंसा रहा। वे किसी से संपर्क नहीं कर पा रहे थे और पूरी तरह से अकेले थे।

जंगल में बिताई रात, फिर पुलिस को सूचना दी

वहीं खानपुर के पुलिस इंस्पेक्टर मनोजुनाथ नायक ने बताया कि परिवार जंगल में लगभग 8 किलोमीटर अंदर फंसा हुआ था। उन्होंने बताया कि परिवार को जंगल से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मालूम था और उन्हें जंगली जानवरों के बीच रात बितानी पड़ी। अगली सुबह, परिवार ने करीब 3 किलोमीटर तक वापस रास्ता तय किया और जहां उन्हें आखिरकार मोबाइल नेटवर्क मिला। इसके बाद उन्होंने पुलिस हेल्पलाइन पर फोन किया और अपनी स्थिति की जानकारी दी।

पुलिस ने GPS के जरिए परिवार को ढूंढा

पुलिस कंट्रोल रूम ने खानपुर पुलिस को सूचना दी, और GPS लोकेशन की मदद से पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों ने परिवार को ढूंढ निकाला। पुलिस इंस्पेक्टर नायक ने कहा कि परिवार खुशकिस्मत था कि उस क्षेत्र में बाद में मोबाइल सिग्नल मिल गया, क्योंकि वे जंगल में फंसे थे, जो जंगली जानवरों के लिए भी जाना जाता है।

ये कोई नहीं बात नहीं…


यह इलाका वन्यजीवों के लिए कुख्यात है। हाल ही में इसी क्षेत्र में एक किसान पर भालू ने हमला किया था, जिससे उसकी टांग का एक हिस्सा कट गया था। यह गूगल मैप्स के कारण होने वाली पहली घटना नहीं है।आपको बता दें कि यह कोई नई घटना नहीं हैं, इससे पहले 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में भी एक खतरनाक घटना घटी थी। तीन लोग अपनी कार में गूगल मैप्स के निर्देशों का पालन करते हुए रामगंगा नदी में गिर गए, जिससे उनकी मौत हो गई। इसी जिले में एक और हालिया घटना में गूगल मैप्स की गलत जानकारी के कारण एक कार पानी की नहर में बह गई थी।

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