राजनांदगांव। जिले में आरक्षक भर्ती परीक्षा में गंभीर घोटाले का खुलासा हुआ है। पुलिस ने तीन कंप्यूटर ऑपरेटरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन पर आरोप है कि उन्होंने परीक्षा के इवेंट अंकों में मशीन से छेड़छाड़ कर अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ पहुंचाया।
मामले की जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल चैटिंग, डिजिटल डेटा और गवाहों के बयानों को प्रमुख सबूत के रूप में इस्तेमाल किया। इन सबूतों से स्पष्ट हुआ कि भर्ती प्रक्रिया में कुछ अभ्यर्थियों के अंकों में जानबूझकर फेरबदल किया गया था।
पुलिस ने इस घोटाले के सिलसिले में अब तक कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 7 पुलिसकर्मी, 2 तकनीकी विशेषज्ञ, 2 महिला अभ्यर्थी और अब 3 कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं।
पुलिसकर्मी: भर्ती प्रक्रिया की निगरानी में शामिल थे और उन्हें संदेहास्पद गतिविधियों का हिस्सा पाया गया।
टेक्नीशियन टीम: तकनीकी हेरफेर करने में मुख्य भूमिका निभाई।
महिला अभ्यर्थी: अनुचित तरीके से लाभ लेने के आरोप में पकड़ी गईं।
कंप्यूटर ऑपरेटर: डेटा में हेरफेर करने के लिए जिम्मेदार।
जांच टीम ने डिजिटल साक्ष्यों को खंगालने के लिए विशेष आईटी विशेषज्ञों की मदद ली। मोबाइल चैटिंग और संदिग्ध लेन-देन का विवरण भी जांच के तहत है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि, “मामले की जांच अभी जारी है। जो भी इसमें संलिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इस घटना ने आम जनता और अभ्यर्थियों में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोगों ने निष्पक्ष जांच और दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की है।
पुलिस और जांच एजेंसियां इस मामले को लेकर सतर्क हैं और जांच को तेजी से आगे बढ़ा रही हैं। संभावित संलिप्त लोगों और अन्य साक्ष्यों की तलाश जारी है।
यह घोटाला पुलिस विभाग और भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। प्रशासन के लिए इसे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हल करना एक बड़ी चुनौती है।