रायपुर। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने शुक्रवार को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा से करीब 8 घंटे पूछताछ की। जांच में संपत्ति और शराब घोटाले से जुड़े सवाल पूछे गए। लखमा ने कहा कि उन्होंने अपनी, बेटी और पत्नी की संपत्ति का ब्योरा ईडी को सौंप दिया है। वहीं, बेटे और बहू के दस्तावेज जमा करने के लिए समय मांगा है।
लखमा ने बाहर आकर मीडिया से कहा, “जो दस्तावेज मांगे गए थे, वे जमा कर दिए हैं। कुछ कागजात बाकी हैं, जिसके लिए और समय मांगा है। ईडी अधिकारियों ने कोई दुर्व्यवहार नहीं किया, बल्कि चाय-नाश्ते के लिए भी पूछा।”
भाजपा पर निशाना
लखमा ने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस पार्टी का सदस्य हूं और कानून का पालन करता हूं। बस्तर के गरीब आदिवासियों के लिए आवाज उठाने के कारण भाजपा ने मुझे निशाना बनाया है। जब सलवा जुडूम के समय बस्तर जल रहा था, तब भी मैंने आदिवासियों की लड़ाई लड़ी। आज भी बस्तर पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे परेशान करने के लिए झूठे आरोप लगाए गए हैं, लेकिन मैं आदिवासियों के अधिकारों के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ता रहूंगा। भाजपा जानती है कि मैं कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाला नहीं हूं, इसलिए उन्होंने मुझे भाजपा में शामिल होने का कोई ऑफर नहीं दिया।”
शराब कंपनियों पर कार्रवाई की मांग
लखमा ने जांच के दौरान शराब कंपनियों की भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “अगर अवैध शराब की सप्लाई हुई है, तो उसके लिए जिम्मेदार तीन शराब बनाने वाली कंपनियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। अधिकारी उनके खिलाफ जांच क्यों नहीं कर रहे हैं?”
ईडी जांच का स्वागत, लेकिन आरोपों को किया खारिज
लखमा ने कहा, “मैं किसी भी घोटाले को स्वीकार नहीं करता, लेकिन जांच हो रही है। मैंने सभी सवालों के जवाब दिए हैं। यह भाजपा की सरकार की साजिश है, जो मेरी छवि खराब करने के लिए रची गई है।”
पूर्व मंत्री ने साफ कहा कि वे आदिवासियों के अधिकार और उनकी सुरक्षा के लिए हमेशा संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने कहा, “मैं गरीब आदिवासी हूं और अपने समुदाय की आवाज उठाता रहूंगा। भाजपा मुझे डरा-धमकाकर रोक नहीं सकती।”