रायपुर / छत्तीसगढ़ में साय सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख तय हो गई है। राजनीतिक हलकों में चल रही चर्चाओं के मुताबिक, 12 जनवरी की शाम को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। विकल्प के तौर पर 13 जनवरी को भी निर्धारित किया गया है, लेकिन प्राथमिकता 12 जनवरी को दी जा रही है।
कितने मंत्री लेंगे शपथ?
सूत्रों की मानें तो इस विस्तार में 2 से अधिक मंत्री शपथ ले सकते हैं। यह संख्या राज्य सरकार की राजनीतिक रणनीति और संतुलन साधने के उद्देश्य पर निर्भर करेगी। सत्तारूढ़ दल भाजपा द्वारा यह निर्णय आगामी निकाय चुनाव और 2025 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है।
संभावित नामों की चर्चा
मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नामों पर गहन चर्चा हो रही है। इनमें कई अनुभवी और प्रभावशाली नेताओं के नाम उभरकर सामने आ रहे हैं:
- गजेंद्र यादव (दुर्ग विधायक): आरएसएस पृष्ठभूमि से आने वाले गजेंद्र यादव का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है।
- किरण देवसिंह (भाजपा प्रदेशाध्यक्ष): पार्टी नेतृत्व में अनुभव रखने वाले किरण देवसिंह के नाम की भी चर्चा है।
- राजेश मूड़त (पूर्व मंत्री): पूर्व वित्त मंत्री और प्रशासनिक अनुभव के लिए जाने जाने वाले राजेश मूड़त संभावित चेहरे हैं।
- अमर अग्रवाल और अजय चंद्राकर (पूर्व मंत्री): दोनों नेता भाजपा की सरकार के वरिष्ठ और अनुभवी चेहरों में गिने जाते हैं।
राजनीतिक समीकरण और चुनौती
साय सरकार का यह विस्तार ऐसे समय में हो रहा है जब भाजपा को पार्टी के भीतर असंतोष और आंतरिक खींचतान का सामना करना पड़ रहा है। “एक अनार, सौ बीमार” की स्थिति के बीच, सरकार को संतुलन बनाना एक बड़ी चुनौती है।
भाजपा नेतृत्व: आरएसएस और भाजपा प्रदेश इकाई के दबाव को संतुलित करते हुए योग्य नेताओं को जगह देना आवश्यक है।
निकाय चुनाव का प्रभाव: मंत्रिमंडल विस्तार से पार्टी का उद्देश्य निकाय चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करना और मतदाताओं को साधना है।
निकाय चुनाव से पहले इस विस्तार का उद्देश्य न केवल सरकार की छवि को मजबूत करना है, बल्कि पार्टी के भीतर संतोष का माहौल भी बनाना है। इसके जरिए सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश की जा रही है।
साय सरकार के इस कदम पर पूरे प्रदेश की नजरें हैं, क्योंकि यह विस्तार आने वाले राजनीतिक समीकरणों को तय करेगा।