रायपुर।छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल गर्म होता जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा के पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता शिवरतन शर्मा ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर कांग्रेस नेताओं पर प्राणघातक हमला किया। उन्होंने इसे “गुंडागर्दी, निंदनीय और अलोकतांत्रिक” करार दिया। कांग्रेस ने तत्काल शिवरतन शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और भाटापारा नगर पालिका के प्रशासक को हटाने की मांग की है।
क्या है मामला?
धनंजय सिंह ठाकुर के अनुसार, भाजपा को नगरीय निकाय चुनाव में अपनी हार सुनिश्चित दिख रही है, जिसके चलते भाजपा नेताओं में बौखलाहट है। इसी गुस्से में उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला किया। ठाकुर का कहना है कि भाटापारा नगर पालिका के प्रशासक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा को एक लोकार्पण कार्यक्रम में आमंत्रित किया, जबकि यह अधिकार स्थानीय विधायक का होता है।
जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस पर आपत्ति जताई, तो शिवरतन शर्मा ने भाजपा के गुंडों के साथ मिलकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई, और कई कार्यकर्ता लहूलुहान हो गए।
कांग्रेस की मांगें
- तत्काल पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
- भाटापारा नगर पालिका के प्रशासक को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए और उनके असंवैधानिक कार्यों की जांच की जाए।
- लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित किया जाए।
भाजपा नेताओं पर अन्य आरोप
धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा नेताओं पर सत्ता के घमंड में चूर होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “भाजपा के भिलाई विधायक जनता का गला दबाते हैं, ईश्वर साहू का बेटा आदिवासी युवाओं के साथ मारपीट करता है, और कांकेर के सांसद फोन पर गाली-गलौज करते हैं। यह स्पष्ट है कि भाजपा नेता सत्ता के अहंकार में तांडव कर रहे हैं।”
कांग्रेस का भाजपा पर हमला
ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार के एक साल के कार्यकाल में भाजपा नेताओं का अहंकार सिर चढ़कर बोल रहा है। उन्होंने कहा कि जनता ने जिन्हें चुना है, वही जनता अब भाजपा सरकार के इस अहंकार का जवाब आने वाले निकाय चुनावों में देगी।
लोकतंत्र की रक्षा की अपील
कांग्रेस ने इस पूरे मामले को लोकतंत्र पर हमला करार देते हुए राज्य प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई की अपील की है। उनका कहना है कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो जनता में गलत संदेश जाएगा।
राजनीतिक तनाव बढ़ा
यह घटना राज्य की राजनीतिक स्थिति को और तनावपूर्ण बना सकती है। निकाय चुनावों से पहले दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला और तेज हो सकता है। अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।