Advertisement Carousel

रायपुर नगर निगम चुनाव में बड़ा उलटफेर: पूर्व महापौर एजाज ढेबर को करारी शिकस्त!

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के नगर निगम चुनाव में इस बार मतदाताओं ने बड़ा उलटफेर कर दिया। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व महापौर एजाज ढेबर को वार्ड नंबर 52 से करारी हार का सामना करना पड़ा। ढेबर को 1529 वोटों से हार मिली, जिससे यह साफ हो गया कि इस बार रायपुर के मतदाताओं ने बदलाव के पक्ष में फैसला सुनाया है।

महापौर रहते हुए थे दमदार, लेकिन जनता ने दिखाया आईना

एजाज ढेबर ने अपने महापौर कार्यकाल में कई बड़े फैसले लिए थे, लेकिन इस चुनाव में जनता ने उन्हें नकार दिया। चुनाव से पहले कांग्रेस को उम्मीद थी कि ढेबर का प्रभाव अब भी कायम है, लेकिन परिणामों ने कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

रायपुर में भाजपा का जलवा, कांग्रेस का सूपड़ा साफ

इस चुनाव में रायपुर नगर निगम की सत्ता पूरी तरह भाजपा के हाथ में आ गई है। भाजपा की मीनल चौबे ने महापौर पद के लिए लगभग एक लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की, जिससे रायपुर में 15 साल बाद भाजपा की वापसी हुई। वार्ड स्तर पर भी भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और 70 में से 48 वार्डों में जीत दर्ज की। कांग्रेस सिर्फ 11 वार्डों तक सिमट गई, जबकि 11 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशी जीते।

ढेबर परिवार की प्रतिष्ठा को झटका

चुनाव के दौरान, एजाज ढेबर और उनकी पत्नी अर्जुमन ढेबर दोनों अलग-अलग वार्डों से चुनाव मैदान में थे। अर्जुमन ढेबर मौलाना अब्दुल रऊफ वार्ड से 762 मतों से आगे चल रही थीं, लेकिन अंतिम नतीजे उनके लिए भी बड़े बदलाव ला सकते हैं। वहीं, एजाज ढेबर की हार ने कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका साबित किया है।

क्यों हारे एजाज ढेबर?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एजाज ढेबर की हार के पीछे कई कारण हैं:

  1. भाजपा की आक्रामक रणनीति: भाजपा ने इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी।
  2. जनता की नाराजगी: कई वार्डों में जनता कांग्रेस से नाखुश नजर आई, जिससे मतों का ध्रुवीकरण हुआ।
  3. भ्रष्टाचार के आरोप: ढेबर के कार्यकाल में लगे आरोपों का असर इस चुनाव में देखने को मिला।
  4. मोदी लहर का प्रभाव: पूरे देश में भाजपा की बढ़ती पकड़ का असर रायपुर नगर निगम चुनाव में भी दिखा।

अब आगे क्या?

एजाज ढेबर की हार कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। पार्टी अब रणनीति बदलने पर विचार कर सकती है। वहीं, भाजपा इस जीत को राज्य की राजनीति में अपनी मजबूती के संकेत के रूप में देख रही है।

रायपुर की राजनीति में नया अध्याय!

इस चुनाव ने रायपुर की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। भाजपा की ऐतिहासिक जीत और कांग्रेस की करारी शिकस्त ने राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस अपनी साख बचाने के लिए आगे क्या कदम उठाती है और भाजपा इस जीत को कैसे भुनाती है।

error: Content is protected !!