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छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बदलाव की आहट – नए चेहरों से होगी ‘सर्जरी’ या फिर वही पुराना इलाज?

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में लगातार हार के बाद अब संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। रायपुर से लेकर दिल्ली तक चर्चाओं का बाजार गर्म है कि आखिर प्रदेश में कांग्रेस का नया चेहरा कौन होगा? क्या पार्टी में किसी नए फॉर्मूले पर काम हो रहा है, या फिर वही पुरानी सियासी दवा से इलाज किया जाएगा?

सूत्रों की मानें तो पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिल सकती है, जबकि संगठन को मजबूत करने के लिए ओबीसी वर्ग से उमेश पटेल और आदिवासी वर्ग से अनिला भेड़िया को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इससे कांग्रेस सभी वर्गों को साधने की कोशिश कर रही है, लेकिन सवाल उठता है – क्या यह फॉर्मूला कारगर होगा?

हार के झटके से बदलाव की तलाश
लगातार मिल रही शिकस्त से कांग्रेस में नाराजगी भी जमकर उभर रही है। कार्यकर्ताओं का जोश बनाए रखने और पार्टी को फिर से मजबूती देने के लिए बड़े नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश हो रही है। लेकिन अंदरखाने कई नेता अब भी असमंजस में हैं – बदलाव दिखाने के लिए बदलाव हो रहा है या फिर सच में कोई नई रणनीति तैयार की जा रही है?

बीजेपी का तंज – “कांग्रेस ICU में, इलाज मुश्किल!”
कांग्रेस के इन संभावित बदलावों पर बीजेपी ने चुटकी लेने में देर नहीं लगाई। कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। अब बदलाव से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि पार्टी ICU में पहुंच चुकी है!”

अब देखना यह होगा कि कांग्रेस का यह बदलाव महज संगठन की ‘सर्जरी’ बनकर रह जाता है या फिर वाकई कोई ‘संजीवनी बूटी’ साबित होता है!

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