भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी आईजी और एसपी को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में पिछले 10 वर्षों से तैनात उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी), निरीक्षक और अन्य पुलिसकर्मियों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करें। यह कदम पुलिस बल में ताजगी लाने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
पुलिस मुख्यालय के इस आदेश के बाद जिले स्तर पर समीक्षा शुरू हो गई है। एक ही स्थान पर लंबे समय से कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है, ताकि उनके स्थानांतरण की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सके।
पहले भी उठाए जा चुके हैं ऐसे कदम
इससे पहले, अक्टूबर 2024 में ग्वालियर जिले में भी इसी तरह की पहल की गई थी, जहां वर्षों से एक ही थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों की सूची तैयार कर उन्हें अन्यत्र भेजने के निर्देश दिए गए थे। वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के कदमों से अपराध नियंत्रण में सुधार और जनता की शिकायतों के त्वरित निवारण में मदद मिलती है।
नवंबर 2024 में भी राज्य सरकार ने 10 आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए थे, जिसमें तीन जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) का स्थानांतरण भी शामिल था। यह प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय था।
पुलिस प्रशासन में पारदर्शिता का प्रयास
राज्य सरकार और पुलिस विभाग इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पुलिसकर्मियों की तैनाती में संतुलन और पारदर्शिता बनी रहे। एक ही स्थान पर लंबे समय तक पदस्थ रहने से प्रशासनिक जड़ता आ सकती है और कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है। इस पहल से पुलिस बल को नई ऊर्जा मिलेगी और कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जा सकेगा।