रायपुर। महादेव ऐप घोटाले के बाद अब छत्तीसगढ़ में फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। राजधानी रायपुर, बिलासपुर और कांकेर में अवैध रूप से संचालित इस कारोबार में मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के जरिए करीब 540 करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है।
कैसे चलता था यह गोरखधंधा?
जांच में पता चला है कि कांकेर जिले के एक युवक ने इस पूरे नेटवर्क को संचालित किया। फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर लोगों से नकद पैसे लिए जाते थे और उन्हें निवेश का लालच दिया जाता था। निवेशकों को रिटर्न भी कैश या फिर TRC-20 यूएसडीटी (क्रिप्टोकरेंसी) नेटवर्क के माध्यम से दिया जाता था।
20 महीने में रकम दोगुनी करने का लालच
यह घोटाला हाई-रिटर्न इन्वेस्टमेंट स्कीम के नाम पर चलाया गया, जिसमें लोगों को 20 महीनों में निवेश की राशि दोगुनी करने का लालच दिया जाता था। हजारों निवेशकों ने मोटे मुनाफे की उम्मीद में इसमें पैसे लगाए, लेकिन अब यह पूरा घोटाला उजागर हो चुका है।
भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग की कानूनी स्थिति
भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग पूरी तरह अवैध नहीं है, लेकिन इसमें सख्त नियम हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा विनियमित ब्रोकर्स के साथ भी स्पॉट फॉरेक्स ट्रेडिंग की अनुमति नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी ग्राहकों को मार्जिन अकाउंट के जरिए लीवरेज्ड फॉरेक्स ट्रेडिंग करने की इजाजत नहीं देता। इस घोटाले में इन सभी नियमों की अनदेखी कर गैर-कानूनी तरीके से करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया।
जांच जारी, जल्द हो सकती हैं गिरफ्तारियां
फिलहाल इस घोटाले की गहन जांच की जा रही है। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इस मामले में संलिप्तता की जांच कर रहे हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े बड़े नामों का खुलासा हो सकता है और कुछ अहम गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।