रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ ने पदोन्नति में आरक्षण नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है। संघ का कहना है कि विद्युत कंपनी प्रबंधन हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहा है, जिससे अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
संघ के प्रांतीय अध्यक्ष आर.एल. ध्रुव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हाईकोर्ट ने 16 अप्रैल 2024 को आरक्षण नियमों के तहत पदोन्नति प्रक्रिया लागू करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके, विद्युत कंपनी ने बिना शासन की अनुमति के सामान्य वर्ग के अधिकारियों को पदोन्नति का लाभ दे दिया। इतना ही नहीं, 18 अप्रैल 2024 को जारी आदेश की अनदेखी करते हुए 23 जून 2004 से वरिष्ठता सूची संशोधित कर भूतलक्षी प्रभाव से पदोन्नति प्रक्रिया लागू की गई, जो पूरी तरह असंवैधानिक और नियम विरुद्ध है।
ध्रुव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 मई 2023 को स्पष्ट आदेश दिया था कि पदोन्नति में आरक्षण के मौजूदा नियमों का पालन किया जाए। इसके बावजूद, विद्युत कंपनी प्रबंधन ने मनमानी करते हुए सिर्फ सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ दिया, जिससे आरक्षित वर्गों के अधिकारी और कर्मचारी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
22 जनवरी से होगा चरणबद्ध आंदोलन
संघ ने इस अन्याय के खिलाफ 22 जनवरी से 17 मार्च 2025 तक चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है। इसके तहत—
- 22 जनवरी से 27 फरवरी 2025 – संवैधानिक जागरूकता और जनसंपर्क अभियान।
- 28 फरवरी 2025 – कंपनी मुख्यालय डंगनिया में गेट मीटिंग और विरोध प्रदर्शन।
- 10 मार्च 2025 – क्षेत्रीय और मुख्यालय स्तर पर एक दिवसीय सामूहिक अवकाश और विरोध प्रदर्शन।
- 17 मार्च 2025 से – अनिश्चितकालीन सामूहिक धरना प्रदर्शन।
संघ ने सरकार और विद्युत कंपनी प्रबंधन से अपील की है कि वे जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालें, अन्यथा आंदोलन को और तेज किया जाएगा।