रायपुर: जेल में बंद कैदियों को गंगा जल से कराया गया सामूहिक स्नान एक अनोखी पहल के तहत संपन्न हुआ। छत्तीसगढ़ के 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेलों में कैदियों ने गंगाजल से स्नान किया। इस आयोजन का उद्देश्य कैदियों के मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक उत्थान के साथ-साथ उनके पुनर्वास में सहायता प्रदान करना है।
जेल प्रशासन के अनुसार, गंगाजल से स्नान कराने की यह परंपरा कैदियों को शुद्धि, आत्म-चिंतन और सुधार के लिए प्रेरित करती है। आध्यात्मिक महत्व से भरपूर इस आयोजन में कैदियों ने न केवल अपने आप को स्वच्छ किया, बल्कि अपने मन को भी एक नई ऊर्जा प्रदान की। अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से कैदियों में सकारात्मक परिवर्तन की आशा बनी है, जो उन्हें समाज में पुनर्स्थापित करने में मददगार सिद्ध होगा।

आयोजन के दौरान, जेल प्रशासन ने कैदियों को यह संदेश दिया कि यह स्नान उनके जीवन में नयी शुरुआत का प्रतीक है। एक कैदी ने कहा, “गंगाजल से स्नान करते समय ऐसा अनुभव हुआ मानो हमारे अंदर एक नई उमंग जागृत हो रही हो। यह अवसर हमें अपने आप में सुधार लाने का संकेत देता है।”

साथ ही, जेल प्रबंधन ने बताया कि यह कदम पुनर्वास के व्यापक कार्यक्रम का एक हिस्सा है, जिसमें कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक पुनर्संयोजन और आत्मिक शुद्धि पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि ऐसे आयोजन से कैदियों को अपने अतीत से बाहर निकल कर एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर होने में मदद मिलेगी।
इस प्रकार की पहल से न केवल जेल में बंद कैदियों को एक आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हो रहा है, बल्कि यह उन्हें समाज में पुनर्वास के लिए प्रेरित भी कर रहा है। जेल अधिकारियों की आशा है कि भविष्य में इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से कैदियों में सुधार की दिशा में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
