रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को लंबित राजस्व मामलों और भुईंया पोर्टल में गलत एंट्री को लेकर तीखी बहस हुई। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर, उमेश पटेल और शकुंतला पोर्ते ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए यह मुद्दा उठाया।
भुईंया पोर्टल पर सवाल
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि भुईंया पोर्टल किसानों को परेशान करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा, “35% डेटा गलत है, और इसे सुधारने में महीनों लग जाते हैं। आखिर यह पोर्टल भगवान भरोसे चल रहा है क्या?”
लंबित राजस्व प्रकरणों पर बहस
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि राज्य में 1,49,479 राजस्व मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि भू-अभिलेख में त्रुटि सुधारने का अधिकार पहले केवल एसडीएम के पास था, लेकिन अब इसे तहसीलदारों को भी दे दिया गया है।
अजय चंद्राकर ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के क्रियान्वयन पर सवाल उठाते हुए पूछा, “इस अधिनियम का पालन नहीं करने पर अब तक कितने अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है?” इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि “लंबित मामलों की सुनवाई अपील के आधार पर होगी। बजट सत्र के बाद ‘राजस्व पखवाड़ा’ आयोजित कर लंबित मामलों का निपटारा किया जाएगा।”
किसानों की परेशानी, आत्महत्या की कोशिश
कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि किसानों की अपीलों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने अकलतरा की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि “एक व्यक्ति तहसील कार्यालय के चक्कर लगाकर थक गया और आत्महत्या की कोशिश की।”
सरकार ने दिए ठोस कार्रवाई के संकेत
विपक्ष के तीखे सवालों पर स्पीकर डॉ. तमन सिंह ने निर्देश दिया कि सरकार एक ठोस कार्ययोजना बनाकर राजस्व मामलों के निपटारे पर ध्यान दे। इस पर मंत्री वर्मा ने आश्वासन दिया कि जल्द ही “सख्त कदम उठाए जाएंगे और किसानों को राहत दी जाएगी।”