बलौदाबाजार। वन विभाग की बड़ी लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। बलौदाबाजार वन मंडल के अर्जुनी वन परिक्षेत्र में एक गौर (भारतीय बाइसन) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, लेकिन विभाग ने बिना पोस्टमार्टम के ही उसे जला दिया। मामले की भनक लगते ही वन विभाग ने रातोंरात घटनास्थल को साफ कराकर साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया।
पोस्टमार्टम किए बिना जलाया गया गौर
सूत्रों के अनुसार, अर्जुनी सर्किल के गांजरडीह के कक्ष क्रमांक 346 में गौर की मौत हुई थी। नियमानुसार, किसी भी वन्यजीव की मौत के बाद पोस्टमार्टम जरूरी होता है, ताकि मौत के कारणों का पता लगाया जा सके। लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों ने नियमों को ताक पर रखकर लंबर नाला में ही शव को जला दिया।
लगातार हो रही वन्यजीवों की मौत, जिम्मेदार बेखबर
अर्जुनी वन परिक्षेत्र में वन्यजीवों की मौत का सिलसिला जारी है। कभी शिकारियों द्वारा बिछाए गए विद्युत करंट से तो कभी पानी की कमी से वन्यजीव दम तोड़ रहे हैं, लेकिन वन विभाग इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। क्षेत्र में पदस्थ वन परिक्षेत्र अधिकारी और अन्य कर्मचारियों को वन्यजीवों की मौत की भनक तक नहीं लगती। और यदि किसी जानवर की मौत होती भी है तो उसे पोस्टमार्टम किए बिना ही जला दिया जाता है, ताकि किसी भी लापरवाही की जांच न हो सके।
जांच के आदेश, दोषियों पर होगी कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएफओ मयंक अग्रवाल ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो।
क्या जंगलों में वन्यजीव सुरक्षित हैं?
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जंगलों में वन्यजीव कितने सुरक्षित हैं। जब वन विभाग ही अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहा, तो वन्यजीवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? वन्यजीवों की लगातार हो रही मौतों पर अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह जैव विविधता और पर्यावरण संतुलन के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।