सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता: 30 नक्सली ढेर, गारपा में 25 साल बाद फिर लगा बाजार
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के सफल नक्सल विरोधी अभियान का असर अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जानकारी दी कि अब तेलंगाना से पामेड़ जाने के लिए बीजापुर से सीधा मार्ग उपलब्ध हो गया है। इसके अलावा, पिछले 25 वर्षों से बंद पड़ा गारपा का साप्ताहिक बाजार फिर से शुरू हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिली है। कोंडापल्ली में भी जनसेवाएं बहाल कर दी गई हैं।
570 मोबाइल टावरों की स्थापना
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार ने अब तक 570 मोबाइल टावर स्थापित किए हैं। इससे सुरक्षा बलों और आम जनता को फायदा होगा।
30 नक्सली मारे गए
गंगालूर में 26 और कांकेर-नारायणपुर क्षेत्र में 4 नक्सली मारे गए हैं। इस तरह अब तक कुल 30 नक्सलियों के खात्मे की पुष्टि की गई है। सुरक्षा बलों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
नई सरेंडर नीति का अनुमोदन
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि सरकार ने नई आत्मसमर्पण नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत यदि नक्सली सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें मिलने वाली इनामी राशि को दोगुना कर दिया जाएगा। सरकार का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा नक्सलियों को मुख्यधारा में लाना है।
शहीद परिवारों के लिए नई योजनाएं
सरकार ने शहीद परिवारों की समस्याओं के समाधान के लिए आईजी रेंज स्तर पर सुनवाई की व्यवस्था की है। इसके अलावा, “वीर बलिदानी योजना” के तहत शहीदों की मूर्ति लगाने के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
गांव नक्सलमुक्त घोषित करने पर मिलेगा 1 करोड़
एलवद पंचायत अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया जाएगा। वहीं, जो गांव नक्सलमुक्त घोषित होंगे, उन्हें तत्काल 1 करोड़ रुपये की विकास निधि दी जाएगी।
सरकार के इन प्रयासों से नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थिरता और विकास की नई राह खुलने की उम्मीद है।