बीजापुर, छत्तीसगढ़।
सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव और लगातार अभियानों के चलते बीजापुर में नक्सली संगठन लगातार कमजोर पड़ रहे हैं। रविवार को 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। आत्मसमर्पण करने वालों में छह इनामी नक्सली शामिल हैं, जिन पर कुल 11 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें दो महिला नक्सली भी शामिल हैं।
प्रमुख नक्सली संगठनों से जुड़े थे
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में डिविजन पार्टी सदस्य, तेलंगाना स्टेट कमिटी के सदस्य, प्लाटून नंबर 09 और 10 के सदस्य, गंगालूर एरिया कमिटी के हिरमागुंडा आरपीसी तथा पामेड़ एरिया कमिटी आरपीसी कोंडापल्ली के सदस्य शामिल हैं। सुरक्षा बलों की रणनीतिक घेराबंदी और निरंतर अभियानों के चलते नक्सली आत्मसमर्पण के लिए मजबूर हुए हैं।
11 स्थायी वारंट लंबित, तीन पर इनाम
आत्मसमर्पित नक्सलियों में तीन ऐसे नक्सली हैं जिन पर 11 स्थायी वारंट लंबित थे। इन पर दस-दस हजार रुपये का इनाम भी घोषित था। पुलिस ने आत्मसमर्पण के बदले प्रत्येक नक्सली को 25-25 हजार रुपये की नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान की है।
सुरक्षा कैंप के दबाव का असर
बीजापुर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों में यह एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। एओबी इलाके में सुरक्षा कैंपों के दबाव के चलते नक्सलियों को पीछे हटना पड़ा है। इस वर्ष अब तक 107 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि 143 को गिरफ्तार किया गया है। मुठभेड़ों में अब तक 82 नक्सली ढेर हुए हैं।
एएसपी यूलैन्डन यार्क का बयान
बीजापुर के एएसपी यूलैन्डन यार्क ने कहा, “सुरक्षा बलों की रणनीति और लगातार अभियानों का यह नतीजा है कि नक्सली मुख्यधारा में लौटने को तैयार हो रहे हैं। आत्मसमर्पित नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत लाभ दिया जाएगा ताकि वे सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।”
सुरक्षा बलों का मानना है कि लगातार हो रहे आत्मसमर्पण से नक्सलियों का मनोबल टूट रहा है। आने वाले दिनों में और भी कई नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने की संभावना है।