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समरसता, सशक्तिकरण और विकास से संवरता छत्तीसगढ़ – राष्ट्रपति मुर्मु

रायपुर, 24 मार्च 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह में आज भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रदेश की 25 साल की लोकतांत्रिक यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए समरसता और नारी सशक्तिकरण को विकास का मूल मंत्र कहा। उन्होंने राज्य की सांस्कृतिक विरासत, संसदीय परंपराओं और प्राकृतिक संसाधनों की भरपूर प्रशंसा की। इस मौके पर राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी मौजूद रहे।

‘मनखे-मनखे एक समान’ से बनेगा समरस समाज
राष्ट्रपति मुर्मु ने गुरु घासीदास जी के संदेश “मनखे-मनखे एक समान” को उद्धृत करते हुए सामाजिक समरसता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का सौंदर्य सिर्फ इसकी संस्कृति में नहीं, बल्कि यहां के लोगों की समानता और समावेशी सोच में भी है।

महिला शक्ति को किया सलाम
मिनी माता के योगदान को याद करते हुए राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ को मातृशक्ति का प्रतीक बताया। उन्होंने विधानसभा में 19 महिला विधायकों की उपस्थिति को लोकतंत्र की मजबूती का उदाहरण बताते हुए कहा कि महिलाओं को सशक्त करने से ही राज्य का विकास संभव है। उन्होंने महिला विधायकों से ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को जमीनी स्तर पर उतारने की अपील की।

वामपंथी उग्रवाद से मुक्ति की ओर बढ़ता कदम
राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास अंतिम चरण में हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही राज्य उग्रवाद मुक्त होकर विकास की नई गाथा लिखेगा।

प्राकृतिक संसाधन और विकास का संतुलन जरूरी
प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध छत्तीसगढ़ को विकास की संभावनाओं का खजाना बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि औद्योगिक और कृषि क्षेत्र में यहां की संभावनाएं अनंत हैं। हालांकि उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए विकास और प्रकृति के बीच संतुलन की जरूरत पर जोर दिया।

अनुकरणीय संसदीय परंपराओं का केंद्र
राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ विधानसभा की मर्यादित कार्यशैली की प्रशंसा की और “स्वयमेव निलंबन” जैसे नियमों को पूरे देश के लिए एक उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में मार्शल का उपयोग न होना लोकतांत्रिक परिपक्वता का प्रमाण है।

राज्यपाल ने किया “अटल निर्माण वर्ष” का जिक्र
इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका ने छत्तीसगढ़ के निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका को याद किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 को “अटल निर्माण वर्ष” के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें अधोसंरचना विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन का समापन छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक गरिमा की प्रशंसा के साथ किया। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे सामाजिक समरसता, समानता और विकास के साथ “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” की भावना को बनाए रखें।

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