भिलाई। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने महादेव सट्टा ऐप से जुड़े कथित घोटाले की जांच के तहत 15 घंटे लंबी छापेमारी की। यह कार्रवाई सुबह शुरू हुई और देर रात तक जारी रही। इस दौरान CBI टीम ने बघेल के घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और तीन मोबाइल फोन जब्त किए।
छापेमारी के बाद भूपेश बघेल ने मीडिया से कहा कि CBI को जांच में कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह आगामी विधानसभा चुनावों से पहले उनकी छवि खराब करने की साजिश है।
सरकार में ही की थी कार्रवाई — बघेल
बघेल ने कहा कि महादेव सट्टा ऐप के खिलाफ उनकी सरकार में ही कड़ी कार्रवाई की गई थी। कांग्रेस सरकार में 74 एफआईआर दर्ज की गईं, 200 से अधिक गिरफ्तारियां हुईं और 2000 से अधिक बैंक खाते सीज किए गए। यहां तक कि प्ले स्टोर से इस ऐप को हटाने के लिए गूगल को भी पत्र लिखा गया था। उन्होंने सवाल किया कि जब उनकी ही सरकार में ये कड़े कदम उठाए गए, तो उन पर संरक्षण का आरोप कैसे लगाया जा सकता है?
CBI की कार्रवाई पर उठे सवाल
भूपेश बघेल ने भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झूठी खबर फैलाई थी कि महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई में गिरफ्तार हुए हैं, लेकिन वे वहां धार्मिक कार्यक्रम में जजमानी करते पाए गए।
राजनीतिक षड्यंत्र का आरोप
बघेल ने आरोप लगाया कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई केवल चुनावी लाभ के लिए की जा रही है।