Advertisement Carousel

CGPSC घोटाले में बड़ा खुलासा: 35 अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले मिले सवाल, CBI की छापेमारी में मिले चौंकाने वाले दस्तावेज


रायपुर

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की 2022 मेंस परीक्षा को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की हालिया छापेमारी में यह खुलासा हुआ है कि 35 अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए गए थे। इसके बदले दलालों ने एक-एक पद के लिए 40 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक वसूले थे।

रायपुर और महासमुंद में छापेमारी

CBI ने 16 अप्रैल को रायपुर, महासमुंद, बिलासपुर सहित प्रदेश के कई हिस्सों में छापेमारी की। इस दौरान आयोग से जुड़े दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और लेन-देन से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे हैं। सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ कि प्रश्नपत्र महासमुंद के एक रिसॉर्ट में अभ्यर्थियों को पहले ही दिया गया और वहां सॉल्व भी करवाया गया।

मुख्य आरोपी और उनका नेटवर्क

CBI सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले के केंद्र में डॉ. विकास चंद्राकर (महासमुंद) और उत्कर्ष चंद्राकर (रायपुर) हैं। दोनों ने मिलकर CGPSC अधिकारियों से प्रश्नपत्र प्राप्त किया और इसे पैसे लेकर आगे बढ़ाया।
इसके अलावा सक्सेस एकेडमी रायपुर के संचालक धर्मेंद्र साहू और परितोष जायसवाल को सॉल्वर के तौर पर इस नेटवर्क में शामिल पाया गया। इन दोनों ने अभ्यर्थियों से रिसॉर्ट में प्रश्न सॉल्व करवाए और तैयारी करवाई।
राहुल हरपाल नामक व्यक्ति ने लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया – उम्मीदवारों को रायपुर के निजी होटलों में ठहराना, उन्हें परीक्षा केंद्र तक पहुंचाना और पुनः लाना, सभी व्यवस्थाएं उसकी जिम्मेदारी में थीं।

सोच-समझकर रचा गया था पूरा षड्यंत्र

CBI की जांच में सामने आया है कि अभ्यर्थियों को मेंस परीक्षा से पहले रायपुर के एक निजी होटल में ठहराया गया था। परीक्षा के दिन उन्हें वहीं से परीक्षा केंद्र लाया गया और पेपर होने तक वहीं रखा गया। इससे पेपर लीक की भनक किसी को न लगे।

निष्पक्षता पर सवाल, प्रशासन की साख दांव पर

इस खुलासे के बाद CGPSC की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इस घोटाले ने प्रशासनिक सेवा की चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता को कटघरे में खड़ा कर दिया है। CBI अब इस मामले में और भी गहराई से जांच कर रही है और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।


error: Content is protected !!