सुकमा/बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में एक बार फिर नक्सल गतिविधियों को लेकर हलचल तेज़ हो गई है। नक्सलियों ने बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर जारी बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान को तत्काल रोकने की मांग की है। नक्सलियों की उत्तर-पश्चिम बस्तर डिवीजन के प्रभारी रूपेश की ओर से प्रेस नोट जारी कर सरकार से शांति वार्ता के लिए आगे आने की अपील की गई है।
प्रेस नोट में कहा गया है कि बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर सुरक्षा बलों द्वारा चलाया जा रहा सैन्य अभियान न केवल उनके कार्यकर्ताओं के लिए बल्कि आम आदिवासी जनता के लिए भी खतरनाक सिद्ध हो रहा है। नक्सलियों का कहना है कि इस अभियान के कारण ग्रामीणों में भय का माहौल है, और इसका सीधा असर उनकी आजीविका और जीवनशैली पर पड़ रहा है।
शांति वार्ता की पहल की मांग
रूपेश ने अपने प्रेस नोट में लिखा है कि यदि सरकार वास्तव में बस्तर में शांति स्थापित करना चाहती है तो उसे सैन्य दबाव की नीति छोड़कर संवाद की पहल करनी चाहिए। उन्होंने अपील की कि सरकार यदि वार्ता के लिए तैयार होती है तो वे भी बातचीत के लिए सामने आने को तैयार हैं, बशर्ते सैन्य कार्रवाई को रोका जाए।
सुरक्षा बलों का अभियान जारी
गौरतलब है कि बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर पिछले कुछ सप्ताहों से सुरक्षा बलों द्वारा नक्सल विरोधी बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इस क्षेत्र को नक्सल गतिविधियों का गढ़ माना जाता है और हाल के दिनों में कई मुठभेड़ें भी यहां हुई हैं। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा बलों को कुछ महत्वपूर्ण कामयाबी भी मिली है, जिसमें कई कैम्प तबाह किए गए हैं और कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।