रायपुर। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने शुक्रवार को प्रदेशभर में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 18 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। यह कार्रवाई भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत जमीन अधिग्रहण में फर्जीवाड़े को लेकर दर्ज एफआईआर नंबर 30/2025 के तहत की गई है।
EOW ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7C सहित भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (जालसाजी और जाली दस्तावेज़ों का प्रयोग) और 120B (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज कर शासन से अनुमति लेकर छापेमारी की।
फर्जी तरीके से दर्ज किए गए नाम, शासन को करोड़ों का नुकसान
जांच में सामने आया है कि भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत एक ही जमीन पर फर्जी तरीके से 6-6 लोगों के नाम दर्ज किए गए। इस गड़बड़ी के चलते शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया गया। फर्जीवाड़े में पटवारियों से लेकर तहसीलदार और ठेकेदारों की संलिप्तता उजागर हुई है।
इन ठिकानों पर हुई कार्रवाई:
- अमरजीत सिंह गिल, ठेकेदार और ICICI बैंक कर्मचारी – हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, दुर्ग
- हरजीत सिंह खनूजा, ठेकेदार – लॉ विष्टा सोसाइटी, कचना, रायपुर
- जितेंद्र कुमार साहू, पटवारी – अभनपुर
- दिनेश कुमार साहू, पटवारी – माना बस्ती, रायपुर
- निर्भय कुमार साहू, SDM – अटलनगर, नवा रायपुर और नरहरपुर, कांकेर
- हरमीत सिंह खनूजा, ठेकेदार – महासमुंद
- योगेश कुमार देवांगन, जमीन दलाल – अश्वनी नगर, रायपुर
- बसंती घृतलहरे – अभनपुर
- रोशन लाल वर्मा, RI – कचना, रायपुर
- विजय जैन, कारोबारी – गोलबाजार और टैगोर नगर, रायपुर
- उमा तिवारी – महादेव घाट, रायपुर
- दशमेश – तेलीबांधा गुरुद्वारा, रायपुर
- लखेश्वर प्रसाद किरण, तहसीलदार – कटघोरा और बिलासपुर
- शशिकांत कुर्रे, तहसीलदार – माना बस्ती और अभनपुर
- लेखराम देवांगन, पटवारी – हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, सेजबहार, रायपुर
EOW की टीम ने सभी स्थानों से दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं। फिलहाल मामले में पूछताछ जारी है और जल्द ही और बड़े खुलासे होने की संभावना है।