गरियाबंद। पंचायती राज व्यवस्था में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए जिला पंचायत गरियाबंद के सीईओ घासीराम मरकाम ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत अब महिला निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के कामकाज में उनके परिजन या रिश्तेदार किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं कर सकेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लंबे समय से यह शिकायतें मिल रही थीं कि महिला सरपंच, पंच या अन्य पंचायत पदाधिकारियों के नाम पर उनके सगे संबंधी ही वास्तविक रूप से कार्यों का संचालन कर रहे हैं। इससे न केवल प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता प्रभावित हो रही थी, बल्कि महिला प्रतिनिधियों की भूमिका भी सीमित हो रही थी।
जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि महिला जनप्रतिनिधियों को अब अपने अधिकार क्षेत्र में पूरी स्वतंत्रता के साथ काम करना होगा और कोई भी पारिवारिक सदस्य या बाहरी व्यक्ति उनके निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं कर सकेगा। आदेश के बाद जिले भर में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।
सीईओ मरकाम का कहना है कि यह निर्णय महिला प्रतिनिधियों को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है, जिससे वे निडर होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
