महासमुंद, 9 मई | विशेष संवाददाता
सुशासन तिहार का तीसरा चरण महासमुंद के जिला अस्पताल में एक अलग ही तस्वीर लेकर आया। जैसे ही मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय अस्पताल पहुंचे, वहां की फिज़ा ही कुछ बदल गई — नर्सों की चाल तेज़, डॉक्टरों के फोन साइलेंट और मरीजों के चेहरे पर मुस्कान।
मुख्यमंत्री अचानक अस्पताल पहुंचे, लेकिन उनकी बातचीत ने साबित कर दिया कि यह सिर्फ औचक निरीक्षण नहीं, बल्कि एक मानवीय मुलाकात थी।
60 वर्षीय गंगाराम, जो कमजोरी की वजह से भर्ती थे, बोले, “अब ठीक महसूस कर रहा हूं… शायद मुख्यमंत्री से मिलकर!”
मुख्यमंत्री ने डायलिसिस वार्ड में भी कुछ समय बिताया। वहां एक और कहानी सामने आई। श्री अतुल चंद्राकर, जिनकी किडनी ट्रांसप्लांट की ज़रूरत है, जब मदद के लिए बोले तो मुख्यमंत्री ने बिना रुके कहा, “डोनर मिलते ही सारा खर्चा सरकार उठाएगी। चिंता मत कीजिए।”
इस संवाद ने साबित किया कि राजनीति केवल भाषणों का खेल नहीं, बल्कि दिल से निभाया गया भरोसा भी है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दो टूक कहा – “स्वास्थ्य में लापरवाही नहीं चलेगी। मरीज की तकलीफ को फाइल मत समझिए।”
अस्पताल में मौजूद लोगों ने यह मुलाक़ात यादगार बना ली। कोई मोबाइल से वीडियो बना रहा था, कोई हाथ जोड़कर आशीर्वाद दे रहा था। लेकिन सबसे बड़ी बात ये रही – मरीजों को लगा कि सरकार सिर्फ सुनती नहीं, महसूस भी करती है।