स्थानीय फर्म PSA कंस्ट्रक्शन को मिला टेंडर, दो कंपनियों ने लिया था हिस्सा
रायपुर। राजधानी रायपुर के दिल कहे जाने वाले जयस्तंभ चौक पर पिछले सात वर्षों से अधूरा पड़ा स्काईवॉक प्रोजेक्ट एक बार फिर चर्चा में है। राज्य सरकार ने इस अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 37 करोड़ 75 लाख रुपए की राशि स्वीकृत कर दी है। साथ ही निर्माण कार्य के लिए नई एजेंसी का चयन भी कर लिया गया है। टेंडर प्रक्रिया में दो कंपनियों ने भाग लिया था, जिसमें रायपुर की ही प्रतिष्ठित फर्म PSA कंस्ट्रक्शन को कार्यादेश सौंपा गया है।
सालों से बना है शहर की बदनामी का कारण
जयस्तंभ चौक पर बनाया जा रहा स्काईवॉक प्रोजेक्ट पहले राजधानी के सौंदर्यीकरण और ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। लेकिन यह परियोजना वर्ष 2017 से अधर में लटकी हुई है। अधूरे निर्माण के कारण यह न सिर्फ राहगीरों और वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बना, बल्कि शहर की छवि पर भी नकारात्मक असर डाल रहा है।
भ्रष्टाचार और तकनीकी खामियों के आरोपों में घिरा रहा प्रोजेक्ट
इस परियोजना को लेकर पूर्व में कई तकनीकी खामियों और भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे। काम की धीमी गति, बजट की कमी और प्रशासनिक जटिलताओं के चलते यह प्रोजेक्ट लगातार टलता गया। अब जब सरकार ने इसके लिए दोबारा बजट स्वीकृत किया है, तो उम्मीद की जा रही है कि यह लंबे समय से रुका हुआ निर्माण कार्य शीघ्र पूरा होगा।
स्थानीय फर्म से उम्मीदें ज्यादा
इस बार जिस कंपनी को कार्य सौंपा गया है, वह रायपुर की स्थानीय फर्म PSA कंस्ट्रक्शन है, जिससे लोगों की उम्मीदें भी अधिक हैं। स्थानीय होने के कारण कंपनी को क्षेत्र की भौगोलिक और प्रशासनिक परिस्थितियों की बेहतर समझ है, जिससे प्रोजेक्ट के समय पर पूरा होने की संभावना जताई जा रही है।
शहरवासियों को राहत की उम्मीद
शहर के नागरिकों में इस खबर को लेकर संतोष देखा जा रहा है। कई नागरिकों का मानना है कि यदि स्काईवॉक का निर्माण सही समय पर पूरा हो जाता है तो यह न सिर्फ ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाएगा, बल्कि जयस्तंभ चौक की सुंदरता भी बढ़ेगी।
अब देखना होगा कि क्या यह नई शुरुआत रायपुर को उसका बहुप्रतीक्षित स्काईवॉक दिला पाएगी, या फिर एक बार फिर यह प्रोजेक्ट किसी नई बाधा में उलझ जाएगा।