सूरजपुर/रायपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत सूरजपुर जिले में पदस्थ प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक (DPM) डॉ. प्रिंस जायसवाल पर बड़ी प्रशासनिक कार्यवाही की गई है। फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने के आरोप में उनकी संविदा सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है। यह आदेश NHM के आयुक्त सह मिशन संचालक, रायपुर द्वारा 26 मई 2025 को जारी किया गया।
विश्वविद्यालय ने किया फर्जीवाड़े का खुलासा
प्रिंस जायसवाल ने MPH (मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ) की डिग्री “Sabarmati University (पूर्व में Calorx Teachers University)” से होने का दावा किया था। लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए सत्यापन पत्र में स्पष्ट किया गया है कि संबंधित अभ्यर्थी उनका छात्र कभी रहा ही नहीं। विश्वविद्यालय ने यह भी कहा कि प्रस्तुत दस्तावेज फर्जी और भ्रामक हैं:
“Mr. Prince Jaiswal is not the student of Sabarmati University. Document is fraudulent and misrepresentation as per university records.”
शिकायतकर्ता की लगातार मुहिम लाई रंग
इस पूरे मामले को उजागर करने में बैकुंठपुर निवासी संजय जायसवाल की अहम भूमिका रही है। उन्होंने लंबे समय से प्रिंस जायसवाल की फर्जी शैक्षणिक योग्यता को लेकर शिकायतें कीं और संबंधित दस्तावेजों की जांच की मांग करते रहे। उनकी सतत कोशिशों का ही नतीजा है कि आज यह बड़ी कार्यवाही हुई है।
प्रिंस जायसवाल इससे पूर्व कोरिया जिले में District RMNCH+A Consultant के रूप में कार्यरत थे, और हाल ही में सूरजपुर में प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक की जिम्मेदारी निभा रहे थे।

यह कार्यवाही राज्य में संविदा नियुक्तियों में पारदर्शिता और सत्यापन प्रक्रिया की गंभीरता को दर्शाती है। यह देखना अब बाकी है कि विभाग इस मामले को पुलिस या किसी अन्य जांच एजेंसी को भी सौंपता है या नहीं।
डॉ. प्रिंस जायसवाल ने कहा…..
मेरे विरुद्ध प्रशासनिक षड्यंत्र कर रंजिशवश गलत तरीके से कार्यवाही किया गया है।मैं कोई भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर कोई भी नौकरी नहीं कर रहा हूं। साक्ष्य जल्द सामने आएगा।
