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ठकुराइन टोला का प्राचीन शिव मंदिर बारिश की वजह से बंद, जलभराव बना श्रद्धालुओं की राह में बाधा

19 करोड़ की लागत से बना लक्ष्मण झूला उद्घाटन का इंतजार कर रहा, केवल पुजारी को मिली आवाजाही की अनुमति

रायपुर, 2 जुलाई।
बरसात ने एक बार फिर श्रद्धा की राह को मुश्किल बना दिया है। राजधानी से लगे ठकुराइन टोला स्थित प्राचीन शिव मंदिर, जो हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, बारिश के चलते आगामी चार महीनों तक आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। मंदिर तक जाने वाला मुख्य मार्ग जलभराव से पूरी तरह बाधित हो चुका है, जिससे पैदल या वाहन से मंदिर तक पहुंचना असंभव हो गया है।

स्थिति को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने शिव मंदिर के पट भी अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं। इस वर्ष सावन मास में भी भक्तों को भगवान भोलेनाथ के दर्शन नहीं हो सकेंगे। हालांकि, नए बने लक्ष्मण झूले के माध्यम से मंदिर के पुजारी सुबह-शाम पूजा-अर्चना के लिए मंदिर तक पहुंच रहे हैं, ताकि दैनिक पूजा-प्रक्रिया बाधित न हो।

छत्तीसगढ़ का तीसरा लक्ष्मण झूला

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा लगभग 19 करोड़ रुपये की लागत से लक्ष्मण झूले का निर्माण कराया गया है। यह राज्य का तीसरा ऐसा सस्पेंशन ब्रिज है, जो विशेष रूप से बरसात के मौसम में मंदिर तक पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

लेकिन विडंबना यह है कि इस भव्य झूले का अब तक विधिवत उद्घाटन नहीं हो पाया है, जिसके चलते इसे आम जनता के लिए खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पुल का उद्घाटन समय पर हो जाता, तो भक्त आज भी सुरक्षित रूप से भगवान शिव के दर्शन कर सकते थे।

जनता की मांग – जल्द हो उद्घाटन

स्थानीय ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन से मांग की है कि पुल का जल्द से जल्द उद्घाटन कर भक्तों के लिए मंदिर मार्ग को खोला जाए। उनका कहना है कि सावन के इन पावन दिनों में भगवान के दर्शन से वंचित रहना अत्यंत पीड़ादायक है।

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन इस मांग पर कितना शीघ्र संज्ञान लेता है।

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