6 आरोपी गिरफ्तार, 30 लाख से अधिक के गहने, नगदी, वाहन और मोबाइल बरामद
रायपुर, 11 जुलाई।
राजधानी रायपुर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में हो रही चोरियों के मामलों में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और थाना मुजगहन की संयुक्त कार्यवाही में पुलिस ने एक शातिर ‘देवार गिरोह’ का भंडाफोड़ करते हुए 5 चोरों और 1 खरीदार को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह 18 अलग-अलग चोरियों को अंजाम दे चुका था, जिनमें लाखों रुपये के गहनों और नकदी की चोरी शामिल है।
26.50 तोला सोना, 1.6 किलो चांदी, 5 बाइक और मोबाइल जब्त
पुलिस ने आरोपियों के पास से 260.585 ग्राम (26.50 तोला) सोना, 1 किलो 634 ग्राम चांदी, 5 मोबाइल फोन, 5 दोपहिया वाहन (जिसमें एक वाहन चोरी के पैसों से खरीदा गया) और चोरी में प्रयुक्त औजार बरामद किए हैं। जब्त सामग्री की कुल कीमत लगभग 30 लाख 10 हजार रुपये आंकी गई है।
इन इलाकों को बनाया था निशाना
गिरोह ने चोरी की वारदातें मुख्यतः मुजगहन, अभनपुर, विधानसभा, पंडरी, खम्हारडीह और डी.डी. नगर थाना क्षेत्रों की आवासीय कॉलोनियों में सुनसान मकानों को निशाना बनाकर की थीं। वारदातें रात के समय अंजाम दी जाती थीं।
मुख्य आरोपी और गिरोह का संचालन
गिरोह का मास्टरमाइंड भूपेन्द्र साहू और उसका साथी करण ध्रुव (देवार) है। पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि वे मिलकर संगठित तरीके से चोरी की घटनाएं अंजाम देते थे। चोरी के बाद सोने-चांदी के जेवरात को अपने परिचित सुरेश सोनझरा को बेच देते थे, जो सोनझरा (सोना झारने) का कार्य करता है।
गिरफ्तार आरोपी
- सागर नगरहा (देवार), 21 वर्ष, चंगोराभाठा
- भूपेन्द्र साहू, 22 वर्ष, ताजनगर, संतोषी नगर
- शुभांकर पटेल (देवार), 21 वर्ष, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, कचना
- रवि नेताम (देवार), 25 वर्ष, मठपुरैना
- करण ध्रुव (देवार), 25 वर्ष, ओम नगर, काठाडीह
- सुरेश सोनझरा, 46 वर्ष, सोनझरा पारा, टिकरापारा (माल खरीदने वाला)
कई आरोपी पहले भी जा चुके हैं जेल
गिरफ्तार आरोपियों में से भूपेन्द्र साहू, करण ध्रुव और शुभांकर पटेल पहले भी चोरी के मामलों में जेल जा चुके हैं। वहीं रवि नेताम मारपीट के एक मामले में जेल में रह चुका है।
आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 331(4), 305, 3(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। वहीं चोरी का सामान खरीदने वाले सुरेश सोनझरा के खिलाफ धारा 317 के तहत कार्यवाही की गई है। चूंकि यह गिरोह संगठित अपराध के तहत काम कर रहा था, इसलिए उनके खिलाफ संगठित अपराध की धाराएं भी जोड़ी जा रही हैं।
कड़ी निगरानी और तकनीकी विश्लेषण से टूटा मामला
पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देश पर गठित 30 सदस्यीय विशेष टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। सीसीटीवी फुटेज, रात्रि गश्त, तकनीकी विश्लेषण और मुखबिरों की सहायता से आरोपियों को चिन्हित कर अलग-अलग ठिकानों पर दबिश देकर गिरफ्तार किया गया।
