भर्ती घोटाला, खाद संकट पर सरकार घिरी, सदन से वॉकआउट, खाद की मार से बेहाल किसान, स्थगन पर अड़े विपक्षी
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र पहले ही दिन गरमाया रहा। दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि के बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विपक्ष ने सरकार पर घोटालों और विफलताओं का आरोपों का बम फोड़ दिया। राजस्व निरीक्षक भर्ती घोटाले और किसानों को खाद न मिलने के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को चारों तरफ से घेरा। सदन में तीखी बहस, नारेबाजी और अंततः विपक्ष का वॉकआउट हुआ।
राजस्व भर्ती घोटाले में मंत्री फंसे, नहीं दे पाए ठोस जवाब
भाजपा विधायक राजेश मूणत ने राजस्व निरीक्षक की परीक्षा में भारी गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि परीक्षा जनवरी 2024 में हुई और कुछ ही दिन बाद नियुक्ति भी हो गई। कमेटी की रिपोर्ट के बावजूद दोषी अफसरों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब में कहा कि जांच में गड़बड़ी सामने आई है, और अब EOW से जांच करवाई जाएगी। लेकिन जब विपक्ष ने पूछा कि EOW जांच का आदेश किसने दिया, तो मंत्री मौन रह गए।
भूपेश बघेल ने सीधा आरोप लगाया – “मंत्री खुद EOW जांच का फैसला कैसे ले सकते हैं? क्या मुख्यमंत्री को सूचना दी गई? या भ्रष्टाचारियों को बचाने की साजिश हो रही है?”
CBI जांच की मांग पर हंगामा बढ़ा और विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
खाद संकट पर भी गरजे विपक्षी, स्थगन की मांग
शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने खाद-बीज की भारी किल्लत का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में किसान परेशान हैं, लेकिन सरकार बेपरवाह है।
भूपेश बघेल ने कहा – “सरकार ने खाद की व्यवस्था नहीं की, किसान बाजार से दोगुनी कीमत में खाद खरीद रहे हैं। सरकार की नाकामी से खेती पिछड़ रही है।”
विपक्ष ने इस पर स्थगन प्रस्ताव की मांग की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो सदन में हंगामा शुरू हो गया।
महेंद्र कर्मा यूनिवर्सिटी भर्ती पर भी उठे सवाल
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर की भर्ती में अनियमितता का आरोप लगाया। कहा कि 40 वर्ष से ऊपर के लोगों की नियुक्ति की गई है, जो नियम के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जवाब दिया कि जांच कमेटी गठित की गई है, रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी।