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अंगदान और प्रत्यारोपण पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने उठाए सवाल, कहा – व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने की जरूरत


नई दिल्ली, 26 जुलाई।
लोकसभा में रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने देश में अंग और ऊतक प्रत्यारोपण से जुड़ी व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ करने की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि अंगदान को लेकर जागरूकता जरूर बढ़ी है, लेकिन इस दिशा में अभी भी ठोस सुधारात्मक प्रयासों की आवश्यकता है।

सांसद श्री अग्रवाल ने कहा, “अंगदान न सिर्फ एक जीवन बचाता है, बल्कि यह मानवता और करुणा का प्रतीक भी है। सरकार के प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन इन्हें ज़मीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए सामाजिक संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और मीडिया की भागीदारी बेहद जरूरी है।”

उन्होंने अंगदान से जुड़ी सूचनाओं को सुगम व पारदर्शी बनाने, अंगों के त्वरित और वैज्ञानिक उपयोग के लिए बेहतर ढांचा विकसित करने की बात भी उठाई।

इस पर जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि वर्ष 2020 में जहां लगभग 6812 लोगों ने अंगदान किया था, वहीं 2024 तक यह संख्या बढ़कर 17,000 तक पहुँच गई है। इसी तरह, अंग प्रत्यारोपण की संख्या भी 7443 से बढ़कर 18,910 हो चुकी है।

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO), क्षेत्रीय संगठन (ROTTO) और राज्य संगठन (SOTTO) के माध्यम से लगातार प्रयासरत है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि दान किए गए अंगों को तुरंत प्रत्यारोपित किया जाता है, जबकि केवल ऊतकों को ऊतक बैंकों में संरक्षित किया जाता है।

श्री जाधव ने बताया कि देश में सभी ऊतक बैंक मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के अंतर्गत पंजीकृत हैं।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने आम नागरिकों से अंगदान के संकल्प में भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि इससे कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है और जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।


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