बिलासपुर। रायगढ़ जिले के कोड़ातराई गांव में फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे रह रहे पाकिस्तानी भाई-बहन का मामला अब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट पहुंच गया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की सिंगल बेंच में इस पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि पाकिस्तानियों का वीजा फिर से शुरू किया जा रहा है या नहीं। अदालत ने कहा कि आगे की कार्रवाई इसी आधार पर तय की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
जानकारी के अनुसार दोनों भाई-बहन पाकिस्तान के कराची में जन्मे थे। उनके पिता याकूब मूल रूप से रायगढ़ जिले के कोड़ातराई गांव के निवासी हैं, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान में विवाह किया था। यहीं पर उनके दो बच्चों का जन्म हुआ, जबकि एक संतान का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ। पकड़े गए दोनों भाई-बहन ने अपनी पाकिस्तानी नागरिकता छुपाकर भारत में आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड जैसे दस्तावेज़ बनवा लिए थे।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद 25 अप्रैल 2025 को भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानियों का वीजा तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया था। उन्हें 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने के निर्देश दिए गए थे, जबकि मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक की मोहलत दी गई थी। इसके बावजूद रायगढ़ में रह रहे दोनों भाई-बहन ने अपनी पहचान छुपाई और फर्जी वोटर आईडी के फॉर्म में खुद को भारतीय बताया।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब इस गंभीर मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है और वीजा की वर्तमान स्थिति पर स्पष्टता चाही है। अदालत ने कहा है कि आगे की कानूनी कार्रवाई उसी के बाद तय की जाएगी
