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हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत, पूर्व मंत्री कवासी लखमा की जमानत खारिज


गंभीर आर्थिक अपराध का आरोप, रायपुर जेल में रहेंगे लखमा
बिलासपुर, 11 सितम्बर।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री कवासी लखमा को हाईकोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। धन शोधन (PMLA) प्रकरण में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की एकलपीठ ने शुक्रवार को जमानत देने से साफ इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि लखमा पर लगे आरोप “गंभीर किस्म के आर्थिक अपराध” से जुड़े हैं, और उन्होंने अपने उच्च पद का दुरुपयोग किया है, ऐसे में उन्हें रिहा करना न्यायहित में उचित नहीं होगा।


ईडी ने लखमा के खिलाफ ECIR RPZO/04/2024 के तहत कार्रवाई की थी और 12 मार्च 2025 को पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। विशेष न्यायालय ने भी पहले उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद लखमा ने हाईकोर्ट में राहत की गुहार लगाई थी।


22 अगस्त को बहस पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे गुरुवार 11 सितम्बर को सुनाया गया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में समानता का सिद्धांत लागू नहीं होगा, क्योंकि लखमा की भूमिका अन्य आरोपियों से कहीं अधिक गंभीर है।
वर्तमान में कवासी लखमा रायपुर केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

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