बिलासपुर। चर्चित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य शासन को बड़ा झटका दिया है।
कोर्ट ने शासन की ओर से दायर अपील को खारिज करते हुए पहले की सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखा है। इस फैसले से डीएसपी और डिप्टी कलेक्टर के पदों पर चयनित निर्दोष अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
2021–22 में हुई इस परीक्षा में कुल 171 पदों के लिए चयन किया गया था। बाद में आरोप लगे कि राजनीतिक रसूख और प्रशासनिक अधिकारियों के रिश्तेदारों को नियमों को ताक पर रखकर चयनित किया गया। मामला गंभीर होने पर सीबीआई जांच शुरू हुई, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए और सात लोगों की गिरफ्तारी भी की गई।
घोटाले में नाम आने के बाद शासन ने पूरी चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इस रोक को चयनित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने आदेश दिया था कि जिन अभ्यर्थियों के नाम चार्जशीट में नहीं हैं, उन्हें नियुक्ति दी जाए।
राज्य शासन ने इस आदेश को चुनौती देते हुए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने शासन की अपील को खारिज कर दिया। इस फैसले से हाईकोर्ट की सिंगल बेंच का निर्णय यथावत रहेगा।
याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव और मलय श्रीवास्तव ने पैरवी की।
फिलहाल शासन के पास अब सुप्रीम कोर्ट में अपील का रास्ता ही बचा है।
