रायपुर, 03 दिसम्बर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य की जनता, उद्यमों और रोजगार से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक का सर्वाधिक उल्लेखनीय फैसला घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को अतिरिक्त रियायत प्रदान करने से संबंधित रहा, जिसके चलते करोड़ों रुपये की आर्थिक राहत सीधे जनता तक पहुंचेगी।
200 यूनिट तक बिजली पर आधा बिल — 400 यूनिट तक खपत करने वाले भी होंगे लाभान्वित
कैबिनेट ने राज्य में लागू मुख्यमंत्री ऊर्जा राहत जन अभियान (M-URJA) के दायरे को और विस्तारित करते हुए 01 दिसम्बर 2025 से नई व्यवस्था लागू करने की घोषणा की है। इसके अंतर्गत अब घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट के स्थान पर 200 यूनिट तक बिजली बिल में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी।
इसके साथ ही 200 से 400 यूनिट प्रतिमाह बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को भी अगले 12 महीने तक 200 यूनिट तक 50 प्रतिशत छूट का लाभ प्रदान किया जाएगा। यह राहत लगभग 6 लाख उपभोक्ताओं को सीधा लाभ देगी, ताकि वे इस अवधि में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत सोलर प्लांट स्थापित कर सकें।
नई व्यवस्था से प्रदेश के कुल 42 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
“हाफ बिजली से फ्री बिजली” की ओर — सोलर प्लांट पर विशेष सब्सिडी
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से भी अतिरिक्त आर्थिक सहायता जारी रहेगी—
1 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट पर ₹15,000 की अतिरिक्त सब्सिडी
2 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के प्लांट पर ₹30,000 की अतिरिक्त सब्सिडी
ऊर्जा विभाग के अनुसार यह पहल आने वाले समय में उपभोक्ताओं को “आधे बिल से शून्य बिल” की दिशा में ले जाएगी और पूरे राज्य में सौर ऊर्जा अपनाने की गति तेज होगी।
स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा — भंडार क्रय नियम में संशोधन
छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम, 2002 में संशोधन के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति दी। इस संशोधन से—
स्थानीय लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों से क्रय को बढ़ावा मिलेगा
जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय प्रक्रिया और स्पष्ट व पारदर्शी होगी
प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी होगी तथा समय और संसाधनों की बचत होगी
उद्योग जगत के लिए यह निर्णय बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप को स्वीकृति दी।
विधेयक के पारित होने के बाद निजी विश्वविद्यालयों की स्वीकृति, संचालन और नियमन से संबंधित प्रावधान और सशक्त होंगे, जिससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और जवाबदेही बढ़ेगी।
दुकान एवं स्थापना अधिनियम में संशोधन — रोजगार बढ़ाने की पहल
बैठक में छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई।
नए संशोधन से—
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बल मिलेगा
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
कारोबारी वातावरण और सरल होगा
सरकार के अनुसार यह कदम युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर और निजी प्रतिष्ठानों के लिए अनुकूल व्यवस्था तैयार करेगा।
कैबिनेट की बैठक के निर्णयों को राज्य की विकास नीति के अगले चरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बिजली उपभोक्ताओं को तात्कालिक आर्थिक राहत, उद्योगों को व्यापारिक सुगमता तथा शिक्षा व रोजगार क्षेत्रों में सुधार — इन तीनों दिशा में सरकार एक साथ आगे बढ़ती दिखाई दे रही है।
