रायपुर।
छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत सहायक विकास विस्तार अधिकारी (ADEO) पद के लिए आयोजित परीक्षा के अभ्यर्थी इन दिनों भारी असमंजस और मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। परीक्षा परिणाम घोषित हुए दो माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक पात्र–अपात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी नहीं की जा सकी है, जिससे चयनित उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग अधर में लटकी हुई है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार और विभाग की इस ढुलमुल कार्यप्रणाली के कारण बेरोजगार युवक–युवतियां अनावश्यक रूप से परेशान हो रहे हैं, जबकि अन्य विभागों में इससे कहीं तेज़ी से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।
अप्रैल में विज्ञापन, जून में परीक्षा, फिर भी नियुक्ति नहीं
अभ्यर्थियों ने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत एडीईओ के रिक्त पदों के लिए 2 अप्रैल 2025 को विज्ञापन जारी किया गया था। इसके बाद 15 जून 2025 को परीक्षा आयोजित की गई।
व्यापम ने 14 अगस्त को प्रारंभिक परिणाम घोषित किया, जिसके पश्चात बोनस अंकों के साथ 10 सितंबर को संशोधित परिणाम जारी किया गया। चयनित अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन 7 से 14 अक्टूबर के बीच पूरा कर लिया गया, लेकिन इसके बाद प्रक्रिया पूरी तरह ठप पड़ गई।
पीडब्ल्यूडी में ज्वाइनिंग, यहां सिर्फ इंतज़ार
अभ्यर्थियों का आरोप है कि इसी अवधि में लोक निर्माण विभाग (PWD) के रिक्त पदों की परीक्षा आयोजित हुई, दस्तावेज सत्यापन के बाद नवंबर माह में ज्वाइनिंग भी दे दी गई, लेकिन एडीईओ अभ्यर्थी आज भी पात्र–अपात्र सूची का इंतजार करते विभागों के चक्कर काट रहे हैं।
विभागों के बीच फंसी फाइल, नहीं मिल रहा स्पष्ट जवाब
दस्तावेज सत्यापन के बाद अभ्यर्थी लगातार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग पहुंचकर जानकारी ले रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं दिया जा रहा। कभी उच्च शिक्षा विभाग, कभी निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग, तो कभी उच्च न्यायालय का हवाला देकर अभ्यर्थियों को टाल दिया जा रहा है।
जबकि अभ्यर्थियों का दावा है कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आवश्यक जानकारी पहले ही पंचायत विभाग को उपलब्ध कराई जा चुकी है।
अधिकारियों के रवैये से बढ़ा आक्रोश
अभ्यर्थियों का कहना है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के मनमाने और ढीले रवैये के कारण सैकड़ों युवा भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। लंबे समय से बेरोजगारी झेल रहे युवाओं के सामने अब आर्थिक और मानसिक संकट भी खड़ा हो गया है।
सरकार से हस्तक्षेप की मांग
कुल मिलाकर देखा जाए तो विभागीय लापरवाही के चलते प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल अभ्यर्थियों का एक बड़ा वर्ग परेशान है। अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि पात्र–अपात्र सूची शीघ्र जारी कर ज्वाइनिंग प्रक्रिया पूरी की जाए, ताकि बेरोजगार युवाओं के साथ हो रहे अन्याय को रोका जा सके।
