00 महात्मा गांधी नरेगा के संरचनाओं में मछली पालन कार्ययोजना बनाने के निर्देश
कोरिया / कोरिया जिलें में मछली पालन के लिए उपयुक्त वातावरण है। इसका सीधा लाभ यहां के मछली उत्पादक किसान ले सकते हैं। यदि प्रत्येक किसान अपने रिक्त भूमि में डबरी या छोटे तालाब जैसी संरचना बना ले तो प्रतिवर्ष वह तीस हजार से ज्यादा की राशि कमा सकता है।
उक्ताशय के विचार जिला पंचायत की मुख्यकार्यपालन अधिकारी सुश्री संतन जांगडे़ ने झुमका स्थित केज कल्चर का अवलोकन करने के दौरान व्यक्त किए। सुश्री जांगड़े ने कहा गांवों में सभी तरह के पोषक आहार भी नही मिल पाते जिनसे बच्चों को कुपोषण जैसी विकट स्थिति से गुजरना पड़ता है। इसके निदान के लिए जगह-जगह मछली पालन को बढ़ावा देना आवष्यक हो चला है। उन्होने कहा कि हर किसान को अपने रिक्त भूमि या खेती की भूमि से पांच प्रतिशत भूमि में जलसंग्रहण संरचना जरूर बनानी चाहिए। इसका तिहरा लाभ होगा। पहला उन्हे अपने कृषि के लिए वैकल्पिक सिंचाई की बेहतर सुविधा मिलेगी दूसरा उन्हे कुपोषण से लड़ने के लिए आहार प्राप्त होगा और तीसरे लाभ के रूप में किसान मछली का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर अतिरिक्त आय का साधन भी बना सकते हैं।
गत दिवस कोरिया जिला पंचायत की मुख्यकार्यपालन अधिकारी सुश्री संतन जांगडे़ ने झुमका बांध स्थित केज कल्चर विधि से मछली पालन कार्य का अवलोकन किया। यहां मछली पालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह मछली पालन की एक उन्नत विधि है। इस विधि में मछली को एक जाल लगाकर नियत स्थान में ही रखा जाता है और लगातार समय पर आहार देकर कई गुना उत्पादन लिया जाता है। भ्रमण के दौरान जिला पंचायत की मुख्यकार्यपालन अधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि पूरे जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से किसानों के जमीन बर बड़े पैमाने पर डबरी,तालाब और अन्य जलसंग्रहण संरचनाएं बनाई गई हैं। इन संरचनाओं में मछली पालन की असीम संभावनाएं हैं। उन्होने मछली पालन विभाग के सहायक संचालक एस0पी0चैरसिया को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी जगहों पर मछली पालन हो सके इसके लिए पूरे जिले की एक कार्य योजना बनाकर जल्द प्रस्तुत करें। विदित हो कि कोरिया जिले में गत वर्ष से अब तक लगभग पंद्रह सौ से ज्यादा डबरी और दो सौ से ज्यादा निजी और सार्वजनिक भूमि पर तालाब के कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से कराए गए हैं।
