नई दिल्ली / कई लोग अपनी जिंदगी में इतने व्यस्त होते हैं कि उन्हें अपने परिवार और माता-पिता के लिए समय नहीं मिल पाता है. यही कारण है कि हमारे देश में कई खास दिन होते हैं जैसे- मदर्स डे, फादर्स डे. हालांकि मां को खास फील करवाने के लिए कोई एक दिन नहीं होता है, हर दिन मां का होता है. लेकिन कई लोग अपनी जिंदगी में इतने व्यस्त होते हैं कि मां के लिए समय नहीं मिल पाता है. ऐसे में मदर्स डे के खास मौके पर आप अपनी मां को इस बात को महसूस करवाएं कि वह आपके लिए कितनी खास हैं. यह दिन हर बच्चे के लिए खास होता है क्योंकि वह अपनी मां को बताते हैं कि वह उनके लिए कितनी खास है. साल का एक दिन सिर्फ मां के नाम होता है, जिसे मदर्स डे कहते हैं. इस दिन मां को सम्मान और ढेर सारा प्यार किया जाता है. उन्हें तोहफे दिए जाते हैं. वैसे तो मां को हर दिन प्यार किया जाता है, लेकिन मां को प्यार और सम्मान देने के लिए कई देशों में अलग-अलग तारीख पर खास मदर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है.
क्या होता है मदर्स डे?
मदर्स डे के लिए मां को खास प्यार और सम्मान जताया जाता है. मां को स्पेशल महसूस कराया जाता है. इस दिन उन्हें तोहफा दिया जाता है, घुमाया जाता है. यानी जिन भी तरीकों से आप अपनी मां से प्यार जता सकते हैं, वो सब किया जाता है.
कैसे हुई मदर्स डे की शुरुआत?
मां को सम्मान देने वाले इस दिन की शुरुआत अमेरिका से हुई. अमेरिकन एक्टिविस्ट एना जार्विस अपनी मां से बहुत प्यार करती थीं. उन्होंने न कभी शादी की और न कोई बच्चा था. वो हमेशा अपनी मां के साथ रहीं. वहीं, मां की मौत होने के बाद प्यार जताने के लिए उन्होंने इस दिन की शुरुआत की. फिर धीरे-धीरे कई देशों में मदर्स डे मनाया जाने लगा.
कब मनाया जाता है मदर्स डे?
9 मई 1914 को अमेरिकी प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन ने एक लॉ पास किया था जिसमें लिखा था कि मई महीने के हर दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा, जिसके बाद मदर्स डे अमेरिका, भारत और कई देशों में मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाने लगा. इस बार मदर्स डे 12 मई को है.
कैसे मनाया जाता है मदर्स डे? वैसे तो मां को प्यार करने और तोहफे देने के लिए किसी खास दिन की जरुरत नहीं, लेकिन फिर भी मदर्स डे के दिन मां को और सम्मान दिया जाता है. उन्हें तोहफे, मीठा और ढेर सारा प्यार किया जाता है.
Mother Day कि अलग-अलग है कहानी – इस पर्व को हर देश में अलग-अलग तरीकों से और अलग-अलग दिन मनाया जाता है। मदर्स डे को सबसे पहले ग्रीक और रोम में सेलिब्रेट किया गया था। लेकिन इसकी शुरूआत नार्थ अमेरिका से की गई थी। आज हर देश में इस पर्व को बेहतरीन तरीकों से मनाया जाता है। मां को सम्मान देने के अलावा इसके पीछे और भी कारण हैं। कहा जाता है कि पुराने समय में ग्रीस में मां को सम्मान देने के लिए एक पूजा की जाती थी। इस पूजा में स्यबेले की पूजा की जाती थी जो ग्रीक देवताओं की मां थी और उन्हीं के सम्मान में इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है। यूरोप और ब्रिटेन में मां के प्रति सम्मान दर्शाने की कई परंपराएं प्रचलित हैं। उसी के अंतर्गत एक खास रविवार को मातृत्व और माताओं को सम्मानित किया जाता था जिसे मदरिंग संडे कहा जाता था। इसके अलावा इंग्लैंड में मदर्स डे मनाने के पीछे कुछ और कारण है। सन 1600 में इंग्लैंड के लोग वर्जिन मैरी की पूजा करते थे और उन्हें उपहार देते थे। यूएस में मदर्स डे को एक पर्व में रूप में मनाया जाता है।मदर्स डे ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जॉर्विस द्वारा समस्त माताओं और उनके गौरवमयी मातृत्व के लिए तथा विशेष रूप से पारिवारिक और उनके परस्पर संबंधों को सम्मान देने के लिए आरंभ किया गया था। यह दिवस अब दुनिया के हर कोने में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता हैं। इस दिन कई देशों में विशेष अवकाश घोषित किया जाता है। कुछ विद्वानों का दावा है कि मां के प्रति सम्मान यानी मां की पूजा का रिवाज पुराने ग्रीस से आरंभ हुआ है। कहा जाता है कि स्य्बेले ग्रीक देवताओं की मां थीं, उनके सम्मान में यह दिन मनाया जाता था। यह दिन त्योहार की तरह मनाने की प्रथा थी। एशिया माइनर के आस-पास और साथ ही साथ रोम में भी वसंत के आस-पास इदेस ऑफ मार्च 15 मार्च से 18 मार्च तक मनाया जाता था। यूरोप और ब्रिटेन में मां के प्रति सम्मान दर्शाने की कई परंपराएं प्रचलित हैं। उसी के अंतर्गत एक खास रविवार को मातृत्व और माताओं को सम्मानित किया जाता था। जिसे मदरिंग संडे कहा जाता था। मदरिंग संडे फेस्टिवल, लितुर्गिकल कैलेंडर का हिस्सा है। यह कैथोलिक कैलेंडर में लेतारे संडे, लेंट में चौथे रविवार को वर्जिन मेरी और ‘मदर चर्च’ को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता हैं। परंपरानुसार इस दिन प्रतीकात्मक उपहार देने तथा मां का हर काम परिवार के सदस्य द्वारा किए जाने का उल्लेख मिलता है। अमेरिका में सर्वप्रथम मदर डे प्रोक्लॉमेशन जुलिया वॉर्ड होवे द्वारा मनाया गया था। होवे द्वारा 1870 में रचित “मदर डे प्रोक्लामेशन” में अमेरिकन सिविल वॉर (युद्घ) में हुई मारकाट संबंधी शांतिवादी प्रतिक्रिया लिखी गई थी। यह प्रोक्लामेशन होवे का नारीवादी विश्वास था जिसके अनुसार महिलाओं या माताओं को राजनीतिक स्तर पर अपने समाज को आकार देने का संपूर्ण दायित्व मिलना चाहिए। 1912 में एना जॉर्विस ने सेकंड संडे इन मई फॉर ‘मदर्स डे’ को ट्रेडमार्क बनाया और मदर डे इंटरनेशनल एसोसिएशन का गठन किया।
