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हाइड्रोऑक्सीक्लोरोक्वीन दवा – सरकार ने जारी की एडवायजरी

नई दिल्ली / केंद सरकार ने कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर साबित हो रही दवाई हाइड्रोऑक्सीक्लोरोक्वीन (HOCQ) के बारे में एडवायजरी जारी कर दी है. इस एडवायजरी के जरिए सरकार ने बताया है कि कौन इसका प्रयोग नहीं कर सकता है.

सरकार ने इस एडवायजरी को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की सलाह पर जारी किया है. इस एडवायजरी में कहा गया है कि 15 साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं दी जाए. इसके साथ ही जो लोग पहले से ही रेटिनोपैथी से ग्रसित हैं या फिर HOCQ अथवा 4-अमीनोक्वीनोलिन कंपाउड से अतिसंवेदनशील प्रतिरोध को दर्शाते हैं, वो भी इस दवा को लेने से बचें।

आईसीएमआर ने कहा है कि फिलहाल यह दवा भारतीय बाजार में कोविड-19 का इलाज करने के लिए नहीं मिलेगी, जब तक परीक्षण के सही नतीजे नहीं मिल जाते हैं. आईसीएमआर के वैज्ञानिक आर गंगा केतकर ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि “इस दवा का उपचार के लिए अभी प्रयोग करना जरूरी नहीं है. अगर यह दवा संक्रमण को कम करती है, तो इसका पता हमें परीक्षण के बाद ही पता चलेगा. डॉक्टर ने इस दवा का कुछ मरीजों पर परीक्षण किया है, जिसका रिजल्ट आना बाकी है. जब तक हमें ठोस नतीजे नहीं मिलते हैं, तब तक हम इसे किसी को लेने के लिए सलाह नहीं देंगे.”

HOCQ का चीन में परीक्षण किया गया था, जिसमें इसको कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए सबसे कारगर दवा बताया गया था. हालांकि आईसीएमआर ने फिलहाल इसका प्रयोग केवल कोरोना संक्रमण का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर और किसी लैब में पॉजिटिव पाए गए आम व्यक्तियों को देने की सलाह जारी की है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी की गई एडवायजरी के मुताबिक इस दवा का सेवन केवल एक रजिस्टर्ड डॉक्टर की सलाह पर किया जा सकता है. हालांकि दवा देने से पहले इस बात की जांच एक फिजिशियन द्वारा की जाएगी, जिससे मरीज को किसी तरह की दिक्कत न हो. कोई भी व्यक्ति जो दवा लेने के बाद प्रोफीलेक्सिस से पीड़ित हो जाता है वो नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें और अपना इलाज कराए.

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