देशभर में 500 और 1 हजार के नोट बंद होने के बाद बड़ा सवाल ये उठ रहा कि रद्दी बन चुकी देश की 85 फीसदी करेंसी का अब क्या होगा। रिजर्व बैंक लोगों से वापस लेने के बाद इन नोटों का क्या करेगा। देश में इस समय 500 के कुल 1570 करोड़ नोट प्रचलन में हैं, जबकि एक हजार के 632.6 करोड़ नोट अभी बाजार में हैं।
ऐसे में एक झटके में इतने सारे नोटों को वापस लेने के फैसले से बाजार में तो उथल-पुथल है ही सवाल ये भी है कि सरकार इन नोटों को वापस लेकर उसका क्या करेगी? हालांकि आम व्यवस्था ये ही है सरकार जितने नोट बाजार से वापस लेती है उन्हें नष्ट ही किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नष्ट करने का क्या तरीका है? नहीं तो हम आपको बताते हैं।
आरबीआई ने पूरी की नोटों को नष्ट करने की तैयारी –
ईकॉनामिक टाइम्स की खबर के अनुसार आरबीआई के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि बाजार से वापस आने वाली इस करेंसी को नष्ट करने लिए हमने पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने बताया कि शुरूआत में इस नकदी को इतने महीन टुकड़ों में काटा जाएगा जिससे कोई दाबारा इन्हें आपस में जोड़ न सके। इसके बाद इन नोटों को एक ह्यूमिडिफायर में डाल दिया जाएगा, जो इन्हें ईंट के छोटे छोटे टुकड़ों में बदल देगा। इसके बाद इन टुकड़ों को कांट्रैक्टर्स को दे दिया जाएगा जो इनका उपयोग गड्ढे भरने में करेंगे। सुनने में वैसे ये बेशक अजीब लगता हो लेकिन नोटों से गड्ढे भरने की पुरानी परंपरा रही है। इससे पूर्व साल 1978 में जो नोट वापिस लिए गए थे उन्हें नष्ट करने में भी कुछ इसी तरह का तरीका इस्तेमाल किया गया था।
इंग्लैंड में बिल्डिंग गर्म करने के काम आते थे पुराने नोट –
वैसे दुनिया के अलग अलग देशों में नोटों को नष्ट करने की अलग अलग व्यवस्था रही है। मसलन, इंग्लैंड में तो नोटों को जलाकर हाथ तापने और सर्दियों के मौसम में इमारतों को गर्म करने के उपयोग में लाया जाता है। इंग्लैंड का फेडरल बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैंड तो 1990 तक बाजार से वापस ली गई नकदी को जलाकर बैंक की इमारत में गर्मी की व्यवस्था करता था। हालांकि 2000 के बाद ऐसी नकदी को रिसाइक्लिंग के लिए उपयोग में लाया जाने लगा। जिसमें ऐसे नोटों को जमीन में दबाकर सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता। बाद में उसका इस्तेमाल खाद के तौर पर किया जाता था। अमेरिका का फेडरल रिजर्व बैंक भी भारत के रिजर्व बैंक की तरह वापस ली गई नकदी की महीन कटाई करता है। इसके बाद उन्हें नवीन स्मृति चिन्ह के रूप में संरक्षित कर लिया जाता है। जिसे लोग शौक से अपने घरों में सजाकर रखते हैं।