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खत्म नहीं होगी MSP, रातों-रात नहीं आए कृषि कानून, सालों से हो रही थी चर्चा, सरकार जीतेगी किसानों का दिल – PM मोदी

The Governor of Nagaland, Shri R.N. Ravi calling on the Prime Minister, Shri Narendra Modi, in New Delhi on August 08, 2019.

भोपाल / देशभर में ‘कृषि कानून’ के खिलाफ जारी विरोध के बीच पीएम मोदी ने आज मध्य प्रदेश के किसानों संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. किसानों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष जानबूझकर किसानों को भड़का रहा है, किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई जा रही है. लेकिन किसान भाइयो-बहनों मैं आपको बता दूं- नए कृषि कानून आपके हित में हैं. हम ऐसा कोई भी फैसला नहीं लेंगे, जिससे आपका नुकसान हो. पीएम मोदी कहा कि बीते दिनों से देश में किसानों के लिए जो नए कानून बने, उनकी बहुत चर्चा है. ये कृषि सुधार कानून रातों-रात नहीं आए. पिछले 20-22 साल से हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है. कम-अधिक सभी संगठनों ने इन पर विमर्श किया है.

पीएम मोदी ने कहा कि किसानों की उन मांगों को पूरा कर दिया गया है, जिन्हें बरसों से रोका गया था. किसानों के लिए जो नए कानून बने हैं, पिछले दो दशक से केंद्र, राज्य सरकार और संगठन इसपर मंथन कर रहे थे. पीएम मोदी ने कहा कि जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है. हमने किसानों के हित में कई फैसले किए. बस यही बात विपक्ष को पच नहीं रही है और विपक्ष राजनीतिक लाभ के लिए किसानों को भड़का रहा है. अगर पिछली सरकार किसानों की इतनी ही हितैषी होती है तो अबतक सिंचाई के कई प्रोजेक्ट रुके नहीं होते. यूरिया की कालाबाजारी नहीं होती और न ही देश को यूरिया का आयात करना पड़ता.

पीएम के संबोधन की खास बातें…

मध्य प्रदेश के मेहनती किसान भाइयो-बहनो को कोटि कोटि प्रणाम… 
* एक साथ इतने किसान आये है डिजिटल तरीके से भी हज़ारों भाई -बहन हमारे साथ जुड़े हैं 
* ओले गिरने प्राकृतिक आपदा की वजह से एमपी के किसानों का नुकसान हुआ है 
* आज ऐसे 35 लाख किसानों के खातों में 1600 करोड़ ट्रांसफर किये जा रहे हैं. 
* कोई बिचौलिया नहीं सीधे अकाउंट में पैसे पहुंच रहे हैं. 
* बीते 5 वर्षों की व्यवस्था की दुनिया में चर्चा हो रही है. 
* आज यहां कई किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड सौंपे गए हैं. 
* पहले हर किसान को क्रेडिट कार्ड नहीं मिलता था. अब हमने सबको कार्ड देने का फैसला किया. 
* दूसरों से ज्यादा ब्याज पर क़र्ज़ लेने से मुक्ति मिली है किसानों को. 
* भंडारण ,कोल्ड स्टोरेज से जुड़े भवनों का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ. 
* फल अनाज का सही तरीके से भंडारण न हो तो उसका बहुत बड़ा नुकसान होता है सिर्फ किसान का नहीं पूरे देश का होता है. 
* लगभग एक लाख करोड़ का नुकसान इससे हो जाता है. 
* उससे जुड़ा इंफ्रास्टक्टर बनाना हमारी प्राथमिकता है. 
* फ़ूड प्रोसेसिंग के नए स्टोर लगाने के लिए व्यापारी वर्ग को भी आगे आना चाहिए. 
* भारत का किसान अब और पिछड़ा नहीं रह सकता. 
* जो सुविधा दूसरे देश के किसानों को मिलती है वो अब हमारे किसान को भी मिले, और इंतज़ार नहीं कर सकता 
* बदलते परिवेश में ये स्थिति स्वीकार नहीं की जा सकती 
* जो काम 25-30 साल पहले होने चाहिए थे वो अब हो रहे हैं. 
* हमने 6 साल में अनेक कड़े कदम उठाये. 
* किसानो की उन मांगों को भी पूरा किया गया जिनपर बहुत समय से मंथन चल रहा था. 
* नए कानून की चर्चा बहुत है  पिछले 20-22 साल से देश की सरकार और राज्यों कि सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है. 

*कृषि कानून रातों-रात नहीं आए हैं
*किसान संगठनों ने भी कृषि कानूनों पर चर्चा की है
*सरकार जीतेगी किसानों का दिल
*किसान असहाय होता जाए ये बर्दाश्त नहीं
*25 साल पहले होने वाले काम आज हो रहे हैं
किसानों की मांग पर मंथन चल रहा है
* कृषि वैज्ञानिक ,इकोनॉमिस्ट लगातार सुधर की मांग करते आये हैं. 
* उन लोगो से जवाब मांगना चाहिए जो अपने घोषणा पत्र में इन सुधारों की मांग करते थे. लेकिन इन मांगों को टालते रहे. किसान इंतज़ार करता रहा. 
* अगर आज देश के राजनैतिक दलों के घोषणा पत्र, बयान देखे जाएं तो जो सुधर हुए वो उनसे अलग नहीं हैं. 
* वही बातें इन कृषि  सुधारों में है 
* मोदी ने क्यों किया मोदी को इसका क्रेडिट कैसे मिल जाये 
* आप सारा क्रेडिट रख लीजिये मुझे नहीं चाहिए. मुझे किसान के जीवन में आसानी चाहिए. 
* किसानों को बरगलाना छोड़ दीजिये 
* 6-7 महीने लागू हुए हो गए लेकिन आज राजनैतिक खेल खेले जा रहे हैं किसानों के कंधे पर बन्दूक रखकर कार्य हो रहा है. 
* में खुद पूछ रहा हूँ की किस क्लॉज़ में दिक्कत है तो इन राजनैतिक दलों के पास ठोस जवाब नहीं होता 
* जिनकी राजनैतिक ज़मीन चली गयी वो किसानों को ज़मीन जाने का डर  दिखाकर अपनी ज़मीन तलाश रहे हैं. 
* किसानो के सामने इनका कच्चा चिट्ठा खोलना चाहता हूं. 
* झूठे आंसू बहाने वाले लोग कितने निर्दयी हैं इसका सबूत है स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट 
* इन्होंने 8 साल रिपोर्ट को दबा के रखा. 
* किसान आंदोलन करते थे लेकिन इन्होंने रिपोर्ट को दबा दिया. 
* इनके लिए किसान देश की शान नहीं ,किसान का समय समय पर इस्तेमाल किया. 
* किसानों के लिए समर्पित हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है. 
* किसानों को लागत की डेढ़ गुना एमएसपी दिया. 
* कांग्रेस सरकारों के द्वारा की गयी कर्जमाफी बहुत बड़ा धोखा. 
* 10 दिन के भीतर सरकार बनाने के बाद सारे किसानों का क़र्ज़ माफ़ कर दिया जायेगा कितनों का हुआ? 
* राजस्थान के किसान भी इंतज़ार कर रहे हैं 
* ये कैसे लोग हैं राजनीति इस हद तक जाती है वो भी किसानों के नामपर.हमारी सरकार धान पर 1870 रुपए MSP दे रही है. हमारी सरकार ज्वार पर 2640 रुपए MSP दे रही है. हमारी सरकार मसूर की दाल पर 5100 रुपए MSP दे रही है. चने पर हमारी सरकार 5100 रुपए रुपए MSP दे रही है. हमारी सरकार मूंग की दाल पर 7200 रुपए एमएसपी दे रही है. साथियो हमारी सरकार समय-समय पर एमएसपी को तवज्जो दे रही है. इस वजह से हम इसमें बदलाव भी करते रहते हैं. कोरोना महामारी के बावजूद भी MSP पर आनाजों की खरीदी की गई. इसलिए मैं देशभर के किसानों को विश्वास दिलाता हूं कि पहले की तरह ही एमएसपी लागू रहेगी. इसे बंद नहीं किया जाएगा. पीएम मोदी बोले अगर हमें MSP खत्म करना होता तो हम स्वामीनाथन की सिफारिशें नहीं लागू करते. आने वाले एक वर्ष में देश 1 लाख करोड़ से ज्यादा का मछली निर्यात करेगा.हमारी सरकार मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन को बढ़ावा देगी. पिछली सरकारों को अगर किसानों की चिंता होती तो सिंचाई के प्रोजेक्ट 10 वर्षों तक रोके नहीं जाते. लेकिन अब हमारी सरकार इन प्रोजेक्टों को फिर से शुरू करेगी. पीएम मोदी बोले हमने यूरिया का कालाबाजारी बंद की. किसानों को सस्ते दामों पर यूरिया मिल सके, इसलिए हम उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले सहित कई राज्यों  में प्लांट खोलने जा रहे हैं. इससे भारत को यूरिया का आयात नहीं करना पड़ेगा. साथ ही उन्हें इन कारखानों में रोजगार भी मिलेगा.

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