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रिलायंस पावर और R-इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक अनिल अंबानी ने पद से दिया इस्तीफा

दिल्ली / अनिल धीरुभाई अंबानी ग्रुप (एडीएजी) के चेयरमैन अनिल अंबानी ने शुक्रवार को रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया. इससे पहले भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने अनिल अंबानी के शेयर बाजारों में किसी सूचीबद्ध कंपनी से जुड़ने पर रोक लगा दी थी. रिलायंस पावर ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि गैर-कार्यकारी निदेशक अनिल अंबानी सेबी के अंतरिम आदेश के बाद कंपनी के निदेशक पद से हट गए हैं.

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने भी शेयर बाजार को बताया कि अनिल अंबानी ने ‘सेबी के अंतरिम आदेश के अनुपालन’ में कंपनी के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है. सेबी ने फरवरी में रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड, उद्योगपति अनिल अंबानी और तीन अन्य व्यक्तियों को कथित रूप से धन निकालने के आरोप में प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था. एडीएजी समूह की दोनों कंपनियों ने कहा कि आर-पावर और आर-इन्फ्रा के निदेशक मंडल ने शुक्रवार को राहुल सरीन को पांच साल के कार्यकाल के लिए स्वतंत्र निदेशक के रूप में अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया है. हालांकि ये नियुक्ति अभी आम बैठक में सदस्यों की मंजूरी के अधीन है.

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल कर्ज के बोझ तले दबी हुई है. जानकारी के मुताबिक गौतम अडानी की कंपनी अडाणी फाइनेंशियल सर्विसेज, KKR, पीरामल फाइनेंस और पूनावाला फाइनेंस सहित 14 प्रमुख कंपनियों ने इस कंपनी को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से नियुक्त एडमिनिस्ट्रेटर ने बोली जमा करने की आखिरी तारीख को 11 मार्च से बढ़ाकर 25 मार्च कर दिया था. आरबीआई ने 29 नवंबर को रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को गवर्नेंस में कमी और पेमेंट डिफॉल्ट के कारण भंग कर दिया था.

सितंबर 2021 में रिलायंस कैपिटल ने अपने एनुअल जनरल मीटिंग में शेयर होल्डर्स को बताया था कि कंपनी पर कुल कर्ज 40 हजार करोड़ रुपए का है. दिसंबर तिमाही में कंपनी का नुकसान घटकर 1759 करोड़ रुपए हो गया था. दिसंबर 2020 तिमाही में कंपनी का कुल नुकसान 3966 करोड़ रुपए रहा था. रिलायंस कैपिटल की स्थापना साल 1986 में हुई थी.

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