Advertisement Carousel

सांसद बृजमोहन ने छत्तीसगढ़ में न्यायालय ई सेवा केंद्रों का मुद्दा लोकसभा में उठाया

नई दिल्ली रायपुर 9 अगस्त

छत्तीसगढ़ के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अधिक सुलभ और पारदर्शी न्यायिक सेवा दिलाने के लिए रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में न्यायालय ई सेवा केंद्र का मुद्दा उठाया।
अग्रवाल ने विधि और न्याय मंत्री से छत्तीसगढ़ समेत देशभर में कार्यशील ई सेवा केंद्र और वहां उपलब्ध सेवाओं की जानकारी मांगी।
जिसपर विधि और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि, भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय को पायलट परियोजना के अधीन 2 ई-सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए 10.68 लाख रुपये जारी किए गए थे। हालांकि, ई-न्यायालय मिशन मोड परियोजना के तीसरे चरण के अधीन, अतिरिक्त ई-सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को 4.44 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में जिला न्यायालयों में 23 और उच्च न्यायालय में 1 ई-सेवा केंद्र काम कर रहे हैं। देशभर में ई-सेवा केंद्रों की संख्या 1,072 है।
ई-न्यायालय मिशन मोड परियोजना के भाग के रूप में, ई-सेवा केंद्रों को वन स्टॉप सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है, जो अदालती मामलों/आदेशों/निर्णयों, न्यायालय से संबंधित मामलों की सुविधा और ई-फाइलिंग सेवाओं के बारे में निःशुल्क जानकारी प्रदान करते हैं, विशेष रूप से उन लोगों को लाभान्वित करते हैं, जिनके पास प्रौद्योगिकी तक पहुंच नहीं है या जो दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं।

ई-सेवा केंद्रों का उद्देश्य वाद स्थिति, सुनवाई की अगली तारीख और अन्य विवरणों के बारे में पूछताछ का निपटारा करना।
प्रमाणित प्रतियों के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान करना।


हार्ड कॉपी याचिकाओं की स्कैनिंग, ई-हस्ताक्षर जोड़ने, उन्हें सीआईएस पर अपलोड करना और फाइलिंग नंबर बनाने से लेकर याचिकाओं की ई-फाइलिंग, ई-स्टाम्प पेपर/ई-भुगतान की ऑनलाइन खरीद में सहायता आदि प्रदान करना है।

error: Content is protected !!