भोपाल। अगर आपके घर में पालतू कुत्ता है तो नगर निगम में रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। जनवरी 2025 से निगम ऐसे कुत्ता मालिकों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है, जिनके पास रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। वहीं खुले में गंदगी करवाने पर जुर्माने की भी कार्रवाई होगी। इधर निगम के डॉग स्क्वॉड के हर वाहन को एक दिन 30 आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबंदी केन्द्रों में भेजना होगा। यह टॉरगेट पूरा न करने वाले कर्मचारियों का वेतन रोका जाएगा।
दरअसल शहर में लगातार आवारा कुत्तों के हमले बढ़ते जा रहे हैं। रोजाना शहर के अलग-अलग इलाकों में 20 से 25 डॉग बाईट की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसको देखते हुए महापौर मालती राय ने डॉग स्क्वाड प्रभारी और संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। महापौर ने शहर में बढ़ती डॉग बाईट की घटनाओं पर चिंता जताते हुए अपर आयुक्त रणवीर कुमार सिंह को निर्देश दिए कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाएं। इसके लिए उन्होंने रूपरेखा बनाने को कहा। वहीं डॉग स्क्वॉड के लिए टॉरगेट भी तय किया। जबकि अधिकारियों से रोजाना की कार्रवाई का ब्यौरा लिया।
2030 तक रैबीज फ्री सिटी बनाने का लक्ष्यः
महापौर मालती राय ने बताया कि भारत सरकार के रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत वर्ष 2030 तक भोपाल को रैबीज फ्री सिटी बनाना है। इसके तहत अधिक से अधिक आवारा श्वानों को पकड़कर नसबंदी केन्द्रों को पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं पालतू श्वानों के पंजीयन के लिए निगम अभियान चलाएगा।
31 दिसंबर तक पंजीयन के लिए चलेगा अभियान
18 से 31 दिसम्बर तक नगर निगम की टीमें शहर में अभियान चलाएंगी। इस दौरान जिन घरों में पालतू कुत्ते हैं, उन्हें चिन्हित किया जाएगा। साथ ही कुत्ता पालकों को पंजीयन के लिए टीमें प्रेरित करेंगी। नए साल में जो कुत्ता पालक पंजीयन नहीं कराते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। महापौर राय ने कहा कि अभियान की मॉनीटरिंग एमआईसी मेंबर आरके सिंह बघेल करेंगे। वहीं डॉग स्क्वाड के हर प्रभारी को रोजाना 30 आवारा कुत्तों को पकड़कर एबीसी सेंटर भेजने का लक्ष्य दिया गया है। यह लक्ष्य पूरा न करने पर कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा। इसके अलावा सड़क, सार्वजनिक स्थल, पाकौं आदि में गंदगी कराने वाले पशु पालकों के खिलाफ स्पॉट फाईन की कार्रवाई होगी।